हमने अपनी कहानी तेरी जुबानी है लिखी
हस्ते खिलखलाती ज़िन्दगी सी हमारी
दो पल की ही बात अब बिखेर वो तूफान
अपने साथ छीन ले गया
सपनो वो आसमान छूने की थी मगर मेरी
पंख ही काट गया
ज़िन्दगी जैसे जैसे गुजर रही है रग अपनी
दिखा रही है
इतना अंदेरा फैइला रहा हैं कि दूर दूर तक
कुछ नज़र नही आता
कुछ उम्मीद अभी जिंदा हैं कहि इसलिए तो
ज़िंदगी लगती बड़ी हसीन हैं जो
सौ बार मिरके भी जन्म इंसान का ही रूप
में लेना चाहते हैं हर कोई