कुछ पल ज़िन्दगी के बारे में सोच रही थी मैं सोचते सोचते
ज़िन्दगी ही बीत रही है मगर समझ कुछ भी नही आ रहा
कभी तो ज़िंदगी कहती है जिंदगी तेरी है तू अपनी हिसाब से
जियो फिर ज़िंदगी एक ऐसी परिस्थिति लेके आती है कि
वो जो हमने सोचा था आदूरा ही रह गया
3 नवम्बर 2021
कुछ पल ज़िन्दगी के बारे में सोच रही थी मैं सोचते सोचते
ज़िन्दगी ही बीत रही है मगर समझ कुछ भी नही आ रहा
कभी तो ज़िंदगी कहती है जिंदगी तेरी है तू अपनी हिसाब से
जियो फिर ज़िंदगी एक ऐसी परिस्थिति लेके आती है कि
वो जो हमने सोचा था आदूरा ही रह गया
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ज़िन्दगी एक खुली किताब सी है जब भी समय मिले पढ़ लो ज़िन्दगी कुछ इस तरह से जियो की दुनिया कहे ज़िन्दगी जिना है तो इस तरहD