कभी कभी सब रख के लिए किसी ओर या अपनो से ही दूर हो जाना जरूरी होता शायद ये ही वजह है लोगो का मिलना और बिछड़ जाना मगर ये सब बातों से हमारे दिल और दिमाग मे बहुत ही गहरा असर कर जाता है जिसको बया कर पाना मुस्किल है मगर फिर भी लोग एक एक शब्द को संजोए टूटे दिल का हाल को बयान करने की या (दिखाने की ये) कोशिश करते है उन्हीं में से एक मैं हु मेरे दिल के टूटने की आवाज किसी को सुनाई नही देती ओर मैं हर पल खामिशियो में खुद को ही सवाल करती रहती आखिर कब मेरी बातों को कोई सुनेगा या समझेगा अब लोगो को नही खुद को खुद ही समझने की बारी है तो क्यों ना मेरे लिए ही खुद कुछ लिखा करू दुनिया दारी और जिंदगी के दायरे में रह कर
4 फ़ॉलोअर्स
6 किताबें