दो दिलो की है ये किस्से जो कभी अदूरी तो कभी पूरी सी रही जाने किस बात थी जो जुदा होना पड़ गया दोनो को था प्यार बहुत फिर भी दोनो हुए अजनबी सी एक ही पल में
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<div>उसकी और मेरी कहानी की सुरवात यू हुई कि क्या कहु</div><div>पहली बार बात हुई हमारी एक worng cal s
<div>आज भी तेरी ही राह तकती हु </div><div>ना जाने क्यों लौट नही आओगे</div><div>जानता है दिल फिर
बड़ी ही अजीब सी रंगत है प्यार की भीपहले पहल मिलते है प्यार होता है दो चार मुलाकाते भी होती है सब को हीये बहुत ही अच्छा अहसास लगता है ये जोपहला प्यार का नशा होता फिर धीरे धीरे साथ समय गु
दो दिलो की दूरियों की है ये कहानी दूर दूर थे बैठे एक दूजे से और दिल देबैठे एक दूसरे को अभी याद करती हूं तो लगता सब ख़्वाब सावो दूर कहि और में रहती कहि और आने येकिस्मत कहु या इत्तफाक हमे मिला
ज़िन्दगी के सफर में निकले थे हम बिन मंजिलो कापता लिए बस ख्वाब बड़े बड़े लिएएक मोड़ पे तुम मिल गए दिल को मेरा कोई साथीऐसा मिला जो हमसफ़र बन ज़िन्दगी भर का साथदेने वाला थामुझे प्यार में कुछ नही चाहिए थे एक बा