4 अप्रैल 2021
17 फरवरी 2021
ये ख्याल बार बार आता हैबस एक लम्हा रुक करवो ख़्वाब जो मेरी ज़िंदगी थेउन्हें उठा लूँ.......-अश्विनी कुमार मिश्रा
14 अप्रैल 2019
ज़ज़्बात मेरे, ख़्याल उनका, और मौसम-ए- बहारा,ख़ुश्बू गुल की, अदा उनकी , और जश्न-ए- नज़ारा. (आलिम)