किसान,गूंगी और शमशान के भुत
एक बार की बात है एक आदमी अपने खेत से काम करने के बाद घर वापिस जा रहा था | उसका रास्ता शमशान घाट से होकर था | वो शमशान के पास पहुंचा तो उसने देखा की शमशान में राक्षस की टोली सोने की बनी तलवारों और दुसरे शस्त्रों के साथ नाच रहे है |
वह बहुत डर गया और वंही खड़ा हो गया राक्षसों ने उसे देख लिया तो राक्षस उसके पास नाचते नाचते आ गए वो ये देख किसान ने सोचा की आज तो उसका आखरी दिन है |
उसने हिम्मत की और वो भी उसन के संग नाचने लगा | अब किसान सबसे आगे उनका लीडर बनकर नाच रहा था | जैसा जैसा किसान नाच रहा था वैसे वैसे राक्षस नाच रहे थे | उसने सोचा की अगर वो रुक गया तो राक्षस उसे खा लेंगे | अब नाचते नाचते बहुत वक्त हो गया था और किसान काफी थक चुका था | अब किसान ने एक उपाय सोचा | वो नाचते नाचते लगातार गोल घुमने लगा और घूमता ही गया जब तक की सब के सब राक्षस चक्कर आ कर गिर न गए |
अब चक्कर आने से सारे के सारे राक्षस जमीन पर लेटे पड़े थे |
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जैसे ही किसान ने देखा की अब सब वेहोश हो गए है उसने सबके के सोने के हथियार उठा लिए और घर के लिए दौड़ा |
अब किसान घर पहुच चूका था और उसके पास काफी सोना था |
अब अगले दिन शाम को राक्षस उसके घर पहुचे और किसान को आवाज लगा कर उसे सोना वापिस करने को कहने लगे |
दूसरी ओर किसान को जैसे ही पता चला की राक्षस आ गए उसने घर के सारे खिड़की दरवाजे बंद कर दिए और अपने परिवार वालो को समझाया की बाहर से कोई भी आवाज आये तो जबाब मत देना उसके घर में एक गूंगी लडकी भी थी |
राक्षस आवाज लगा लगा कर थक चुके थे पर अन्दर से कोई जबाब नहीं आ रहा था | राक्षस अन्दर तो जा नहीं सकते थे क्योंकि घर में देवता का वास था |
अंत में गूंगी ने राक्षसों की आवज सुनकर आवाज दी की कौन है बाहर {गुन्गेपन की आवाज में } और जैसे ही उसने राक्षसों की बात का जबाब दिया गूंगी मर गयी |
और राक्षसों की और से जबाब आया अब कल आना शमशान हमें बलि मिल गयी सोना तुझे ही रहा |
अब आप सोच रहे होंगे की गूंगी कैसे मर गयी तो मैं आपको बता दूँ कि शाम और रात के समय किसी भी अनजान आवाज या बिना जाने कि ये किसकी आवाज है उस आवाज का जबाब देना ठीक नहीं माना जाता क्युकी वो आबाज किसी की भी हो सकती है भुत की भी जो आपको भी इसी तरह अपना शिकार बना सकती है | ऐसा कुल्लू में माना जाता है |