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किताबों की महिमा अपार है

8 दिसम्बर 2024

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किताबों की महिमा अपार है। कहा जाता है कि जब
एक लाइब्रेरी खुलता है तो एक जेल बंद हो जाता है। यानी कि किताबें आपको अपराधिक
गतिविधियों की ओर जाने से रोकती हैं। जरूरत पड़ने पर गवाही देती है। इतनाही ही
नहीं आपको सच बोलने के लिए मजबूर करती है। किताबों पर समाज की अटूट विश्वास है
वरना गीता / कुरान पर हाथ रखकर कसम खाने से लोग नहीं घबराते। इंटरनेट युग के कारण
किताबों की महत्व कम नहीं हुआ है। यह सर्व सुलभ हो गया है। जब आप गूगल में विषय
ढूंढते हैं तो पीडीएफ के रूप में वहां भी किताबें ही मिलती हैं। आज महंगाई के दौर
में कपड़े, जूते, पीजे महंगे हुए हैं। किताबें तो आज भी चाय
समोसे के मूल्य पर मिल जाएंगे।  

  जब
आप घर बनवाते हैं तो शौचालय, रसोई, पूजा घर निश्चित रूप से बनवाते हैं तो एक कमरा
पुस्तकालय का भी बनवाई है। बच्चों को पाठ्य पुस्तकों के अलावे मनोरंजक, प्रदायक
कहानी की किताबें भी खरीद कर दीजिए। इससे बच्चों के अंदर किताब से लगाव बढ़ेगा।
अपने सपनों को साकार करेगा। 

   लोग जन्म लेते और मरते हैं, मगर
किताबों की कभी मौत नहीं होती। आप कितनी ही तरतीब से किताबों को खत्म करने की
कोशिश करें किंतु इसकी हमेशा गुंजाइश रहती है कि एक प्रति जिंदा बच जाए और किसी
दूरदराज की लाइब्रेरी के सेल्फ में सुरक्षित पड़ी रहे। 

    

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रचनाएँ
किताब से संवाद
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किताबों की दुनिया अनन्त है। वे कभी आपको निराश नहीं करती। हर पुस्तक आपसे संवाद स्थापित करती है। बातें करती हैं, बीते जमाने की, दुनिया की, इंसानों की, आज की, कल की, एक-एक पल की। वे किसी न किसी रूप में आपके ज़हन का हिस्सा बन जाती है और आपके व्यक्तित्व को प्रभावित करती है। मन में स्थाई भाव पैदा करती है, जो कभी खत्म नहीं होता। किताबें मित्रों में सबसे शांत, बुद्धिमान और शिक्षकों में सबसे धैर्यवान है। पुस्तकें प्रत्येक छात्र के जीवन में कल्पना की दुनिया से परिचित कराने, बाहरी दुनिया का ज्ञान प्रदान करने, उनके पढ़ने, लिखने और बोलने के कौशल में सुधार करने के साथ-साथ स्मृति और बुद्धिमत्ता को बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। किताबें तमाम शंकाओं का तथ्यात्मक समाधान करती हैं लेकिन गूगल के दौर में किताबों के प्रति हमारा लगाव, हमारी रुचि कम होती जा रही है। बच्चों के लिए पढ़ाई जरूरी भी है और मजबूरी भी, लेकिन उनके साथ-साथ हर उम्र के लोगों के लिए पढ़ना आवश्यक है। वर्तमान इंटरनेट युग में पुस्तकों का उपयोग कम हुआ है लेकिन महत्व अभी भी उतनाही है। स्कूल की पढाई से लेकर कॉलेज तक किताबों से हमारा मित्रता का रिश्ता होता है। क, ख, ग से लेकर अल्फा बीटा तक कि पढ़ाई हम पुस्तकों के माध्यम से करते है। पुस्तक से हमारे मन का अंधकार दूर होता है। स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान के बारे में जानकारी पुस्तक के जरिये ही दी जाती है। पुस्तक बच्चों से लेकर बड़ो तक सब के लिये महत्त्वपूर्ण होते हैं। बच्चे अपनी प्रारंभिक शिक्षा पुस्तकों के माध्यम से लेते हैं, तो वही बुजुर्ग उसे अपने मनोरंजन के साधन के रूप में या धार्मिक कार्यों की पूर्ति हेतु करते हैं। अर्थात वे हर क्षेत्र और उम्र में जरूरी होते हैं। ऑनलाइन पुस्तकों कही भी ले जाना बड़ा आसान होता है और फटने और कीड़े लगने से सुरक्षित भी रखा जा सकता है। कई लोग इसे पढ़ना पसंद करते हैं तो कुछ ऑनलाइन पुस्तकों को जमाना चाहे जो भी हो, पुस्तकें सदैव जरुरी रहे हैं और रहेंगे। यह आपको सदैव कुछ नया ही सिखाती है। इन्हें आसानी से अपने फ़ोन में भी सुरक्षित रखा जा सकता है। इन्हें आप अपने साथ कही भी ले जा सकते हैं और इनका आनंद उठा सकते हैं।
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किताबों की दुनिया अनन्त है

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किताबें बहुमूल्य होती है

8 दिसम्बर 2024
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  किताबें बहुमूल्य होती है। ज्ञान का भंडार होती हैं। किताबें तमाम शंकाओं का तथ्यात्मक समाधान करती हैं लेकिन गूगल के दौर में किताबों के प्रति हमारा लगाव, हमारी रुचि कम होती जा रही है। बच्चों के लिए

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किताबें पढ़ने से हमेशा फायदे मिलते हैं

8 दिसम्बर 2024
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   पुस्तकें व्यक्ति के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। एक व्यक्ति जो नियमित रूप से किताबें पढ़ता है, उसके पास एक अच्छा व्यक्तित्व होता है और यह उन लोगों की तुलना में अधिक आश्वस्त होता है

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किताबें आत्मविश्वास बढ़ाता है

8 दिसम्बर 2024
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हमारे इतिहास में कई महापुरुष रहे हैं और उनके वक्तव्य और ज्ञान भरी बातों को हम आसानी से पुस्तकों में पढ़ सकते हैं। जैसा कि गांधीजी, जो भले आज हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनकी विचारधारा अभी भी जिन्दा

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किताबों की महिमा अपार है

8 दिसम्बर 2024
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किताबों की महिमा अपार है। कहा जाता है कि जब एक लाइब्रेरी खुलता है तो एक जेल बंद हो जाता है। यानी कि किताबें आपको अपराधिक गतिविधियों की ओर जाने से रोकती हैं। जरूरत पड़ने पर गवाही देती है। इतनाही ही

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आपका शब्द एक अनुबंध है

8 दिसम्बर 2024
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 आपका शब्द एक अनुबंध है     हम बोलते समय शब्द के रूप में सार्थक ध्वनियों का उच्चारण करते हैं। छन भर में हमारे मुंह से निकला हुआ शब्द पूरी दुनिया की सैर कर आता है। विज्ञान इसे सर्वत्र सुलभ कर देता

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आपका शब्द एक अनुबंध है

8 दिसम्बर 2024
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 आपका शब्द एक अनुबंध है     हम बोलते समय शब्द के रूप में सार्थक ध्वनियों का उच्चारण करते हैं। छन भर में हमारे मुंह से निकला हुआ शब्द पूरी दुनिया की सैर कर आता है। विज्ञान इसे सर्वत्र सुलभ कर देता

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विश्व पुस्तक दिवस

8 दिसम्बर 2024
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  उच्च उद्देशीय अंतरराष्ट्रीय सहयोग तथा विकास की भावना से प्रेरित 193 सदस्य देश तथा 6 सहयोगी सदस्यों की संस्था यूनेस्को द्वारा विश्व पुस्तक तथा स्वामित्व (कॉपीराइट) दिवस का औपचारिक शुभारंभ 23 अप्

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विश्व पुस्तक दिवस

8 दिसम्बर 2024
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