shabd-logo

कुंडलिनी शक्ति जागृत कैसे करें

18 नवम्बर 2022

207 बार देखा गया 207


article-image


आत्मा परमात्मा का ही अंश है। घट घट में ईश्वर का निवास है। अपने अंदर ही ईश्वर को खोजना और उस में विलीन हो जाना kundalini Aweking. कुंडलिनी जागरण का आधार है। योग साधना से मन को एकाग्र कर अपनी संपूर्ण पूजा को मेरुदंड के अंत में स्थित छोर पर एकत्र कर विभिन्न शिराओं के जाल को जागृत करना Kundalini Aweking  कुंडलिनी जागरण कहा जाता है। कुंडलिनी के एक बार जागृत होने पर शरीर में एक विशेष प्रकार का स्फुरण व ऊर्जा का संचार होता है। वह ऊर्जा सीधे मस्तिष्क में प्रवेश करती है  इससे साधक का तेज ओज प्रदीप्त होता है।

कुंडलिनी शक्ति क्या है ?

मेरुदण्ड के अंतिम छोर पर  जहां बहुत सारी शिराओं का जाल है वहीं निचले भाग में इड़ा, पिंगला, सुषुम्ना नाड़ियाँ होती हैं जो सामान्यतः सुसुप्त अवस्था में रहती हैं। सहस्त्रआर सेअर्थ शिव परमात्मा से माना जाता है । एक विशेष प्रकार की दिव्य ज्योति आलोकित होती है। कुंडलिनी शक्ति का अर्थ एक ऐसी दिव्य शक्ति के रूप में लिया जाता है तो कुंडल के रूप में शरीर में स्थित है जो मेरुदंड के अंतिम छोर में स्थित नाड़ी जो साढ़े तीन लपेटे लगाकर नागिन की तरह कुंडली मारकर बैठी रहती है यही कुंडलिनी कहलाती है।

कुंडलिनी जागरण होने पर क्या होता हैं ?

कुंडलिनी शक्ति एक दिव्य शक्ति है जो सप्त चक्रो को भेदकर ऊपर की ओर उठती हैं । जैसे जैसे कोई साधक साधना करता है । तो कुंडलिनी शक्ति जाग्रत होने लगती है । इस दौरान उसके मूलाधार चक्र में स्पंदन होने जैसा अनुभव होना प्रारंभ हो जाता हैं । फिर कुंडलिनी जैसे जैसे ऊपर उठती है । तो एक एक चक्र में रुकती हुई आगे का क्रम जारी रखती हैं । मगर जिस चक्र में रुकती है तो उस चक्र का शुद्धिकरण कर देती हैं ।

इस प्रकार नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट करते हुए कुंडलिनी जागरण होता हैं । इस दौरान साधक को इष्टदेव के दर्शन होने के साथ साथ ॐ या हूं हूं की दिव्य वाणी सुनाई देती हैं ।

कुंडलिनी शक्ति जागृत होने पर आंखों की दृष्टि प्रभावित होती हैं । साधक को काला, पिला और नीला दिखाई देता है ।

जब कुंडलिनी शक्ति अंतिम चक्र ( सस्त्रधार चक्र ) तक पहुँचती हैं तो साधक को सिर में ( चोटी वाले स्थान पर ) चीटियों के चलने जैसा आभास होता है ।

साधक की रीढ़ की हड्डी में कंपकपी सी होती हैं । जबकि उनका शरीर हल्का हल्का सा गेंद की तरह उछल कूद करने लगता हैं । साधक मानसिक व शारिरिक कष्टो से मुक्त होने लगता है । अधिक जानकारी के लिए कुंडलिनी शक्ति जागृत कैसे करे  पर टच करें ।

LRseju की अन्य किताबें

1

पीरियड्स या माहवारी क्या होती हैं

25 जुलाई 2022
1
1
0

महिलाओं एवं लड़कियों में प्रति माह प्राकृतिक रूप से योनि में रक्त स्त्राव होता है जिसे मासिक धर्म या पीरियड्स कहते हैं । यह एक सतत प्रक्रिया है । यह किशोरावस्था में लड़कियों में होने वाला महत्वपू

2

आज़ादी का अमृत महोत्सव पर निबंध

25 जुलाई 2022
8
1
0

जैसा कि हम सभी जानते है कि भारत लम्बे समय तक गुलाम रहा था । ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना के बाद धीरे धीरे भारत अंग्रेजों के अधीन होता गया और अगले 50 साल में भारत के सभी राजाओं ने अंग्रेजों की अध

3

कुंडलिनी शक्ति जागृत कैसे करें

18 नवम्बर 2022
0
0
0

आत्मा परमात्मा का ही अंश है। घट घट में ईश्वर का निवास है। अपने अंदर ही ईश्वर को खोजना और उस में विलीन हो जाना kundalini Aweking. कुंडलिनी जागरण का आधार है। योग साधना से मन को एकाग्र कर अपनी संपू

4

पेनिस मोटा करने की होम्योपेथिक दवा

21 जून 2023
0
0
0

पेनिस का आकार बढ़ाना या मोटा करना सोचने के बहुत सारे कारण होते हैं। कुछ लोग अपने पार्टनर से खुश नहीं होते तथा वे उन्हें संतुष्ट नहीं कर पाते हैं। कुछ लोगों को आपने लिंग के आकार के बारे में शर्मिंदगी म

5

टेस्टोस्टेरोन बढ़ाने के लिए होम्योपैथिक दवा

12 सितम्बर 2023
0
0
0

टेस्टोस्टेरोन बढ़ाने के लिए होम्योपैथिक दवा  । हार्मोन हमारे बॉडी की महत्ती आवश्यकता है । खास तौर जब बात प्रजनन अंगों या प्रजनन क्षमता की हो । जी हा हार्मोन प्रजनन क्षमता के विकास मे अहम भूमिका निभाते

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए