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लेखक परिचय

11 अक्टूबर 2021

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नाम:-नृपेंद्र शर्मा 'सागर'

पता:- जमनावाला, ठाकुरद्वारा

मुरादाबाद उत्तरप्रदेश


ऐसे तो मैं पेशे से एक टेक्नीशियन हूँ लेकिन मन से मैं एक

कवि, कहानीकार एवं उपन्यासकार हूँ।

मेरी कविताएं सामाजिकता एवं प्रेम पर आधारित होती हैं।

कहानी में हॉरर मेरा प्रिय विषय है।

सामाजिक कहानी लिखते समय ग्रामीण परिवेश एवं उनकी समस्याएं मेरा केंद्र बिंदु होती हैं।

मुरादाबाद के साहित्यिक मंचो पर मैं अक्सर काव्यपाठ के लिए जाता हूँ।

उपन्यास में 'तिलिस्म' और पुरातन समय की कहानी लिखने का प्रयास रहता है।

ऐसे तो कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर मेरी बहुत सी कविताएँ एवं कहानियाँ हैं लेकिन मुझे असली पहचान मिली 'फ्लाई ड्रीम पब्लिकेशन' के साथ जुड़ कर।

फ्लाई ड्रीम पब्लिकेशन से मेरे दो उपन्यास "ज्वाला और तिलस्मी खज़ाना" प्रकाशित हुए हैं।

एवं एक कहानी संग्रह:- भूतों के साये में फ्लाई विंग्स पब्लिकेशन से कुछ दिन पहले प्रकाशित हुआ है।

मेरी कहानियाँ ऑनलाइन पढ़ने के लिए गूगल में नृपेंद्र शर्मा 'सागर' सर्च किया जा सकता है।


article-imageपता:-नृपेंद्र शर्मा 'सागर'

S/O श्री राम औतार शर्मा

होलिका मन्दिर मोहल्ला जमनवाला

ठाकुरद्वारा जिला मुरादाबाद (U.P.)

पिन:-244601



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रचनाएँ
रहस्य कथाएं
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सन्दर्भ:- सन्दर्भ:-इस पुस्तक में पाँच सस्पेंस थ्रिलर एवं हॉरर विधा की कहानियाँ सम्मलित हैं।  कहानियां विशुद्ध मनोरंजन की दृष्टि से लिखी गयी मौलिक कहानियां हैं एवं किसी भी जीवित अथवा मृत व्यक्ति एवं घटना से इनका कोई सम्बंध नहीं है। प्रस्तावना:- भूत, प्रेत, आत्मा एवं पारलौकिक शक्तियों के बारे में जानने के लिए मानव मन में हमेशा ही जिज्ञासा रही है, वह हमेशा सोचता है कि क्या यह सच में होते हैं अथवा केवल एक मिथक है। अगर कहीं भी भूत-प्रेत का जिक्र आता है तो हमारे मन में दो तरह के भाव आते हैं, पहला:-भय, एवं दूसरा:- क्या भूत सच में होते हैं। इस विषय पर समय-समय पर अनेको लोग शोध भी करते है और कई देशों की सरकारें कुछ स्थानों को बंद करके इस बात की पुष्टि भी करती हैं कि कुछ तो है, कोई अदृश्य पारलौकिक शक्ति, या शायद भूत-प्रेत है। यहाँ मैं किसी शोध अथवा किसी विचार का समर्थन नहीं करता हूँ अपितु आपके मनोरंजन के लिए लाया हूँ कुछ अनसुनी कल्पना कथाएँ एवं कुछ सत्य कथाओं पर आधारित कहानियां, अब मेरे प्रिय पाठकों को तय करना है कि उन्हें कौन सी कहानियाँ सत्य लगीं एवं कौन सी मेरी परिकल्पना मात्र। एवं मैं अपने उद्देश्य अर्थात उनके मनोरंजन में कितना सफल हुआ। यदि किसी पाठक के पास कोई सत्य घटना हो जिसपर वह कहानी पढ़ना चाहते हों तो वह घटना मुझे बता सकते हैं। आपका नृपेंद्र शर्मा "सागर"

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