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सयाने लोग

19 सितम्बर 2015

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वो परिंदा जो हथेली पर उड़ता था कभी, पंखों पर आया, तो वापस ना आया।

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mankibaten
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कभी कभी कुछ पंक्तियाँ याद आ जाएँ तो......

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