shabd-logo

मै हिंदी बोलता हूँ ।

18 सितम्बर 2015

124 बार देखा गया 124
featured imageमै असभ्य हूँ, क्योंकि हिंदी बोलता हूँ । और अनपढ़ भी, क्योंकि हिंदी बोलता हूँ । वाहय् संस्कृति से भ्रमित, पथभ्रष्ट और कुचरित्र, लोगों के कुण्ठित मन को, झकझोरता हूँ । मैं असभ्य हूँ........ देववाणी से है उद्धृत, भारत को करती अलंकृत , हिन्दीरूपी मधुरस को, जनहृदय में घोलता हूँ । मै असभ्य हूँ.............. बोलियां हैं इसकी ऐसे, वृक्ष की शाखाएं जैसे, मनका मनका साथ रखकर , एक माला जोड़ता हूँ । मै असभ्य हूँ..............

सतीश कुमार दुबे की अन्य किताबें

सतीश  कुमार दुबे

सतीश कुमार दुबे

धन्यवाद शर्मा जी एवम् मिश्रा जी......हमारा समर्पण हिंदी के प्रति सदैव बना रहेगा।

19 सितम्बर 2015

ओम प्रकाश शर्मा

ओम प्रकाश शर्मा

सतीश जी, हिंदी के प्रति अपनी निष्ठा एवं समर्पण इसी प्रकार बनाए रखिये, समय द्रुत गति से परिवर्तित हो रहा है...!

19 सितम्बर 2015

18 सितम्बर 2015

3
रचनाएँ
mankibaten
0.0
कभी कभी कुछ पंक्तियाँ याद आ जाएँ तो......

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए