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मै हिंदी बोलता हूँ ।

18 सितम्बर 2015

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featured imageमै असभ्य हूँ, क्योंकि हिंदी बोलता हूँ । और अनपढ़ भी, क्योंकि हिंदी बोलता हूँ । वाहय् संस्कृति से भ्रमित, पथभ्रष्ट और कुचरित्र, लोगों के कुण्ठित मन को, झकझोरता हूँ । मैं असभ्य हूँ........ देववाणी से है उद्धृत, भारत को करती अलंकृत , हिन्दीरूपी मधुरस को, जनहृदय में घोलता हूँ । मै असभ्य हूँ.............. बोलियां हैं इसकी ऐसे, वृक्ष की शाखाएं जैसे, मनका मनका साथ रखकर , एक माला जोड़ता हूँ । मै असभ्य हूँ..............

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सतीश  कुमार दुबे

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धन्यवाद शर्मा जी एवम् मिश्रा जी......हमारा समर्पण हिंदी के प्रति सदैव बना रहेगा।

19 सितम्बर 2015

ओम प्रकाश शर्मा

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सतीश जी, हिंदी के प्रति अपनी निष्ठा एवं समर्पण इसी प्रकार बनाए रखिये, समय द्रुत गति से परिवर्तित हो रहा है...!

19 सितम्बर 2015

18 सितम्बर 2015

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mankibaten
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