मां - बाप तो हमसे बराबर ही प्यार करते है ..
बस फर्क इतना सा है . . . .
माँ का प्यार हमें दिख जाता है . .
पिता के डांट से बचाते वक्त ...
माँ रात को लोरी सुना कर
प्यार जाहिर कर देती हैं . .
पिता सुबह में हमें डांट लगा कर
उठा देने से कठोर बन जाते हैं . . .
बस फर्क इतना सा है . . . .
माँ का प्यार हमें दिख जाता है . .
पिता के डांट से बचाते वक्त ...
कभी - कभी हमारी माँए
दूसरो के घर काम करके
हमें आज की खुशियां देती है ...
तो वहीं पिता चिल - चिलाती धूप में
अपनी पीठ को जला कर
हमारे कल की खुशियां बुनते है . . .
बस फर्क इतना सा है . . . .
माँ का प्यार हमें दिख जाता है . .
पिता के डांट से बचाते वक्त ...
माँ के साथ कोई बुरा से पेश आता है
तो हमें दिख जाता हैं . . .
वहीं फैक्ट्री में काम करते एक पिता के साथ
वहां के अधिकारी कैसा व्यवहार करते है . . .
वो हमें कभी नहीं दिख पाता है . . .
बस फर्क इतना सा है . . . .
माँ का प्यार हमें दिख जाता है . .
पिता के डांट से बचाते वक्त ...
माँ लव यू बच्चा कहके और सर पे हाथ घुमा के
अपना प्यार जता जाती है ...
वहीं पिता कपड़े जरा कम बदला करो ,
अभी पढ़ाई पे ध्यान दिया करो और
फालतू में इतने पैसे मत उठाया करो ...
कहकर बुरा बन जाते हैं . . .
बस फर्क इतना सा है . . . .
माँ का प्यार हमें दिख जाता है . .
पिता के डांट से बचाते वक्त ...
उन दोनों के प्यार में बस फर्क इतना ही हैं . . .
माँ का प्यार हमें तुरंत दिख जाता है . . .
और पिता के डांट में छूपा बेसुमार प्यार हमें ...
महिनों या सालों बाद दिखता हैं . . .
बस फर्क इतना सा है . . . .
माँ का प्यार हमें दिख जाता है . .
पिता के डांट से बचाते वक्त ...
15/4/2023
✍🏻 रिया सिंह सिकरवार " अनामिका " ( बिहार )