मेरा ख़्वाब माँगतेहैं ...इतने वेवश चेहरे, कि नकाब माँगते हैं,बंद करूँ आँखें , मेरा ख़्वाब माँगते हैं। बचपन की यादें ,जवानी के लुक –छिपे,ये चोरी –चोरी, मेरी किताब माँगते हैं । छुपा छुई –मुई में, हर –सिंगार में फँसा,इम्तहान लेते मेरा , ये गुलाब माँगते हैं । दर्द की झाइयाँ नर्म, पलकों की सिंहरन,मज़ाक
मेरा ख़्वाब माँगते हैं ...इतने वेवश चेहरे, कि नकाब माँगते हैं,बंद करूँ आँखें , मेरा ख़्वाब माँगते हैं । बचपन की यादें ,जवानी के लुक –छिपे,ये चोरी –चोरी, मेरी किताबमाँगते हैं । छुपा छुई –मुई में, हर –सिंगार में फँसा,इम्तहान लेते मेरा , ये गुलाब माँगते हैं । दर्द की झाइयाँ नर्म, पलकों की सिंहरन,मज़ा