shabd-logo

मेरा ख़्वाब माँगते हैं ...

6 नवम्बर 2020

468 बार देखा गया 468

मेरा ख़्वाब माँगते हैं ...


इतने वेवश चेहरे, कि नकाब माँगते हैं,

बंद करूँ आँखें , मेरा ख़्वाब माँगते हैं

बचपन की यादें ,जवानी के लुक –छिपे,

ये चोरी –चोरी, मेरी किताब माँगते हैं ।

छुपा छुई –मुई में, हर –सिंगार में फँसा,

इम्तहान लेते मेरा , ये गुलाब माँगते हैं ।

दर्द की झाइयाँ नर्म, पलकों की सिंहरन,

मज़ाक बनाते हैं मेरा , शबाब माँगते हैं।

सीरत संभाल कर इतनी ,रखी नहीं गई ,

अश्क नज़र क्या आया, शराब माँगते हैं ।

मोहब्बत तो की, इज़हार करना नहीं आया,

सारी उम्र फिसल गयी, ख़िज़ाब माँगते हैं ।

मदन पाण्डेय शिखर

मदन पाण्डेय 'शिखर' की अन्य किताबें

1

भारती का प्यार हिन्दी...

14 सितम्बर 2020
0
0
1

भारती का प्यार है ये हिंदवी,भारतेन्दु ,शुक्ल और द्विवेदी प्रसाद ,जैसे , गोमुखी से गंगा काप्रयास है ये हिंदवी,हिम कन्दराओं दे उदित वेद मंत्रों युक्त,ऋषि मुनियों का इतिहास है ये हिंदवी,सूर का आभास है ये मीरा हरी प्यास है ये,पीड़ा महादेवी

2

हिन्दी की सामर्थ्य

14 सितम्बर 2020
0
0
0

हिन्दी की सामर्थ्यएक भाषा है जो मुझसे, बात करती है मैं कहीं भी जाऊँ, मुलाक़ात करती है , चाँदनी में दिखती, तारों में छिप जाती, जुगनुओं की तरह मेरेसाथ चलती है,हमने अपने बेटे से कहा,हिन्दी मे पहाड़ेसुनाओ,बोला पापा हमें खामखां मत गड़बड़ाओ,मेडम कहती है, नौकरी तभी मिलेगी जब अँग्रेजी पढ़ोगे,नहीं तो ज़िंदगी भरह

3

मुस्कराते ही रहना...

13 अक्टूबर 2020
0
0
0

सदा मुस्कराते ही रहना,तुम इसी तरह बस सदा मुस्कराते ही रहना, दुनियां का काम तो बस कहते ही रहना । बहुत डराती हैं ये छिपकली,और ये मकड़ियाँ,तितलियों का काम तो बस, उड़ते ही रहना।पलकों तले आंसूओं का एक घर

4

मेरा ख़्वाब माँगते हैं ...

6 नवम्बर 2020
0
0
0

मेरा ख़्वाब माँगते हैं ...इतने वेवश चेहरे, कि नकाब माँगते हैं,बंद करूँ आँखें , मेरा ख़्वाब माँगते हैं । बचपन की यादें ,जवानी के लुक –छिपे,ये चोरी –चोरी, मेरी किताबमाँगते हैं । छुपा छुई –मुई में, हर –सिंगार में फँसा,इम्तहान लेते मेरा , ये गुलाब माँगते हैं । दर्द की झाइयाँ नर्म, पलकों की सिंहरन,मज़ा

5

मेरा ख़्वाब माँगते हैं ...

4 दिसम्बर 2020
0
1
0

मेरा ख़्वाब माँगतेहैं ...इतने वेवश चेहरे, कि नकाब माँगते हैं,बंद करूँ आँखें , मेरा ख़्वाब माँगते हैं। बचपन की यादें ,जवानी के लुक –छिपे,ये चोरी –चोरी, मेरी किताब माँगते हैं । छुपा छुई –मुई में, हर –सिंगार में फँसा,इम्तहान लेते मेरा , ये गुलाब माँगते हैं । दर्द की झाइयाँ नर्म, पलकों की सिंहरन,मज़ाक

6

माँ मुझे अच्छे से प्यार कर लेना

14 जनवरी 2021
0
0
0

माँ मुझे अच्छे से प्यार कर लेना, मेरी आँखों में अपनादुलार भर देना,दुनियाँ को सारी मैं ममता सिखाऊँ,ऐसा तुम मेरा श्रंगार कर देना । ....माँ मुझे अच्छे से मैं घुटनों चलूँगी, गिर- गिर पड़ूँगी, गोदी नाचूँगी, खिल खिल हसूँगीझुलूंगी, खेलूँगी , सबको खिलाऊँगी, आँगन मेँ

7

माँ के आशीष बिना जीत कहाँ होती है,I

14 जनवरी 2021
0
1
1

माँजिस्म से रूह तक ,एक-एक रुआँ होती है,वो तो माँ है सारी, दुनियाँ से जुदा होती है, उसकी प्यारी सी, थपक आँख सुला देतीहै,माँ तो पलकों से, भर- भर के दुआ देती है ये जो दौलत है, बेखोफ़ जिगर, शौहरत, हैमाँ के आँचल की, हल्की सी हवा होतीहै I चाहे दुनियाँ ही, रुके, सांस भले थम जाये,माँ की मम

8

सैनिक की होली ....

15 मार्च 2021
0
0
0

सैनिक की होली....*** तुम रंग रंगी बरसाने की, हम केसरिया टोली रे, आओ प्रिय दोनों खेलें, रंगों की आँख मिचौली रे। लाल गुलाबी हरा बसंती , सारे रंग रंगाना जी, सपनों में आ ज

9

आज़ादी के गुमनाम क्रान्तिकारी

22 दिसम्बर 2021
0
0
0

<p><br></p> <p><strong>आज़ादी के गुमनाम क्रान्तिकारी</strong></p> <p>पेशवा की बेटी, मैनावती क्र

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए