नागरिकता संशोधन कानून (caa ) और एनआरसी के विरोध में उत्तरप्रदेश के अलीगढ में चल रहे धरने को ख़त्म कर दिया गया है | यह धरना लम्बे समय से मुस्लिम महिलाओं द्वारा अलीगढ के पुरानी चुंगी गेट के बाहर दिया जा रहा था , जो पुरे 68 दिन बाद अब ख़त्म हो चुका है | धरना समाप्त होने के बाद पुलिस प्रसाशन ने महिलाओं से बात चीत की , और उन्हें शांतिपूर्ण तरीके से रहने की सलाह दी |
शनिवार को धरना ख़त्म होने के बाद अलीगढ पुलिस ने धरना दे रहीं महिलाओं से बातचीत की और आस- पास के इलाकों का दौरा किया | तो कुछ महिलाओं से बातचीत में पता लगा की उन्हें धरने के लिए जबरदस्ती भेजा जाता था , उनके मना करने पर भी उनके पति द्वारा धरने पर जाने के लिए कहा जाता क्यूंकि उनके पति को इसके पैसे और खाने का लालच दिया जाता था |
धरना जैसे - तैसे शांत तो हुआ पर कुछ लोग बराबर इस स्तिथि को ख़राब करने में लगे थे , धरना ख़त्म होने के बाद भी महिलाओं और पुरुषों को धरना देने के लिए उकसाया जा रहा था , इस बात की खबर जैसे ही पुलिस प्रसाशन को लगी तो पुलिस के द्वारा एक पहल शुरू की गयी | इस पहल के अनुसार सिटी मजिस्ट्रेट रंजीत सिंह और सीओ अनिल जी के देख रेख में एक टीम बनायीं गई , और इस टीम ने सोमवार को शहर के अलग - अलग इलाकों का दौरा किया जिस दौरान सबसे बातचीत की और सभी को समझाया कि किसी भी भड़काऊ बयान से प्रभावित न हो तथा शहर शांति बनाये रखने की अपील की |
फिरदौस नगर के दौरे में महिला से बातचीत में पता लगा कि धरने में वो अपनी मर्ज़ी से भाग नहीं ले रही थी , बल्कि उन्हें जबरदस्ती उनके पति धरने पर जाने के लिए कहते थे |हालाँकि महिला के पति ने इस आरोप को झूठा बताया और कहा मेरे लाख मन करने पर भी , ये धरने पर जाती थी | ये सब सुनंने के बाद बुजुर्ग की 65 वर्षीय पत्नी समाने आयी और पूरा मामला बताया की उसके पति को इसके पैसे मिलते थे और उसे खाने का लालच भी दिया जाता था |
इस सबके बाद सिटी मजिस्ट्रेट ने कहा कि जानकारी के मुताबिक कुछ महिलायें दूसरे लोगो को भी धरना देने के लिए भड़का रही हैं , जो हम नहीं होने देंगे , शहर में शांति खराब करने में कोई भी व्यक्ति मिलता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी |