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मै भला किसको कहूँ,,,,, गजल.

19 अक्टूबर 2021

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जिंदगी ने क्या दिखाया, मे भला किसको कहूँ, 
कब हंसाया, कब रुलाया, मै भला किसको कहूँ

बित गयी ये उम्र सारी, जाने किसकी खोज मे, 
क्या मिला क्या क्या गंवाया, मै भला किसको कहूँ

राह मे किसने बिछाये, फूल या कांटे मेरे, 
किसने पत्थर था चलाया, मै भला किसको कहूँ.

गम नहीं है गैर ने, आंखें दिखाई उम्र भर, 
गम है, अपनों ने दिखाया, मै भला किसको कहूँ.

प्यार मे जिसके लिए सपने सजाये रातदिन, 
बस वही नफरत दिखाया, मै भला किसको कहूँ.

उनसे आंखें क्या लगी, आंखें लगी न उम्र भर, 
फिर भी आंखों से हटाया, मै भला किसको कहूँ.

आंसुओं के तेल मे, यादों की बाती जल गयी, 
किसने हाथों से बुझाया, मै भला किसको कहूँ

किसने हाथों से इशारे कर, बुला, लौटा दिए, 
किसने आंखों में बसाया, मै भला किसको कहूँ.

अब तो शामे जिंदगी है, फिर सहर होगी नहीं, 
कहके वो फिर भी न आया, मै भला किसको कहूँ.

जिंदगी ने क्या दिखाया, मै भला किसको कहूँ, 
कब हंसाया कब रुलाया मै भला किसको कहूँ,,, किसको, , ,, 

ब्रजमोहन पाण्डेय.

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आंसुओं के तेल में........ बहुत प्रशंसनीय लाइनें 💯💯💯🙏

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