क्या है, नहीं जो मेरे पास,
कुछ तो है, जिसकी मुझे है आस,
पा कर सब कुछ भी, क्यों है खाली मेरे हाथ,
होते हुये भी सब के, क्यों हूँ, अकेली मैं आज,
27 जून 2018
क्या है, नहीं जो मेरे पास,
कुछ तो है, जिसकी मुझे है आस,
पा कर सब कुछ भी, क्यों है खाली मेरे हाथ,
होते हुये भी सब के, क्यों हूँ, अकेली मैं आज,
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मैं एक आयुर्वेद चिकित्सक हूँ | अच्छी किताबें पढ़ना मेरा शौक है कभी कभी कुछ लिखने का मन करता है, कुछ बातें जो शायद अंतर्मन में छुपी होतीं हैं उन्हें व्यक्त करने का मन करता है," अव्यक्त को व्यक्त करने का मन करता है" | D