सालों बाद वो दिखी। उसे अनदेखा करना चाहा लेकिन तब तक उसने भी मुझे देख लिया था। करीब आई और कहा, " मेरी मजबूरी थी, तुम समझ सकते हो न "।
मैंने मुस्कुरा दिया और कहा, " हां, शादी में झुमके, सजावट और यहां तक कि गाने भी तुम्हारे पसंद के थे, बस दूल्हा नही था पसंद का!! मैं समझ सकता हूं। "
और बिना उसे पलट कर देखे वहां से चला गया।