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मलखानसिंह भदौरिया

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✍🏻✍🏻 *सामाजिक संगठन के कार्य समाज सुधार तथा सामाजिक मर्यादा बनाये रखने व सभी को एक सूत्र में बाँधने के प्रयास,सामजिक बुराईयों को ना पनपने देना आदि होना चाइये* - ■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■ _*लेकिन आज के समय में सामाजिक संगठन एक छल है राजनैतिक लोगों द्वारा अपने स्वार्थ की पूर्ति के लिये चेहरा बदल कर समाज हितैसी होने का एक ढोंग रचा जा रहा है कुछ राजनैतिक लोग राजनैतिक दलों में अपनी बकत,अपनी शक्ति का प्रदर्शन करने के आशय से किसी भी राजनेता के इसारे पर सामाजिक बैनर का राजनैतिकरण कर रहे है जिससे एक बड़ा समूह स्वतंत्र रूप से अपने मत का उपयोग कर लोकतंत्र के उद्देश्यो की पूर्ती कर सके*_ _*कुछ राजनैतिक लोग बड़ी ही समझदारी से छोटे-छोटे समूह या सामाज के नाम से संगठन के निर्माण करवा रहे है उस सामाजिक बैनर के पीछे राजनैतिक दविस पूरी करना उनका उद्देश्य होता है ऐसे संगठनों द्वारा समाजहित के कार्यों के लिये कोई प्रयास नही किया जाता ना ही सामाजिक कार्यक्रम चलाये जाते, अगर सामाज में कोई आपसी मतभेद विवाद उत्पन्न हो जाये तो ऐसे संगठनो द्वारा इस ओर आजतक कोई काम नही किया गया !! सामजिक एकता के विषय पर किसी भी समाज के नेताओ ने कोई प्रयास नही किया तथा ऐसे कार्यक्रम का आयोजन जो एक मिलन समारोह हो जिसमे समाज के सभी लोगो को आमंत्रित किया जा सके जैसे क्षत्रिय समाज के लोग दशहरे के त्यौहार पर मिलन समारोह कार्यक्रम का आयोजन करें अन्य समाज के लोग भी वर्ष में कोई खाश दिन अपने-अपने समाज के लोगों के लिये मिलन समाहरोह का आयोजन करें यह समारोह विस्तार में हो ऐसा ना हो जैसे आज हो रहा है एक कमरे में "कुछ चुनिंदा लोगो के साथ किसी महांपुरुष की प्रतिमा पर माला पहनाकर फोटो खिचवा लेने से समाज का हित नही होने वाला " आजकल यह नकली काम बहुत हो रहा है इसी कारण समाज के लोगो को इन संगठनो में कोई रूचि नही रही क्यों की संगठनों के पदाधिकारीगण समाज के लिये कम खुद के लिए अधिक करना चाहते है*_ *मलखानसिंह भदौरिया* *(डोंगरपुरा) भिंड*google6d46024919ba7c54.html  

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