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मन-मयूर

19 फरवरी 2016

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मन-मयूर  जब  नाचे-गाए 

जग लागे  हिय  नया-नया,

धरती-अम्बर   झूमें   ऐसे

स्वर्ग हो उतरा आ के धरा I


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charu
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मन चंचल, तन चंचल

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