30 अप्रैल 2022
आज कुछ मन खट्टा हुआ तो दैनंदिनी के लिए इतना ही कि - बचपन में वह कभी रोता-हँसता कभी उछल-कूद करता कभी खेल-खिलौने छोड़ किसी चीज की हठ कर बैठता उछल-उछल कर सबको विचित्र करतब दिखलाता हँस.-हँस, हसाँ-हसा