मित्रता दिवस स्पेशल
साथियों जैसा कि हम सभी जानते हैं कि हम सभी के जीवन में बाकि सभी रिश्ते तो हमारे जन्म से ही निर्धारित हों जातें हैं। और जैसे जैसे हम बड़े होते हैं वैसे वैसे रिश्ते बनते और बिखरते जातें हैं। परंतु उन सभी रिश्तों के बाद हम स्वयं एक रिश्ता बनातें हैं जिसे हम दोस्ती कहते हैं । और आम भाषा मे हम उसे मित्रता शब्द से भी संबोधित करते हैं। जैसा कि हम सभी जानते हैं की हमारे जीवन में एक मित्र की बहुत उपयोगिता होती। और हम सभी के जीवन में एक न एक मित्र तो ऐसा जरूर होता है जिससे हम अपने मन की सारी बातें साझा करते हों । मित्रता
केवल एक शब्द नहीं बल्कि हम सभी के जीवन का वह सत्य है।
जिसे हम सभी स्वीकार करते हैं। क्योंकि यह पहला एक ऐसा रिश्ता होता है
जिसे हम स्वयं बनातें हैं, और उसका चुनाव भी हम स्वयं ही करते हैं ।
कि हम कैसा मित्र बनाएंगे। क्योंकि जब हम किसी से अपने विचार साझा करते हैं दुःख दर्द साझा करते हैं।
तो हमारी अपेक्षा ये ही होती है कि वह मित्र उसे ध्यानपूर्वक सुनें और उसका हल निकालें। और मदद करें ।आम तौर पर यह सब चीजें हम एक मित्र के ही साथ साझा करते हैं ।
एक पुरानी कहावत है कि जैसी संगत वैसी रंगत
इस कहावत का सीधा सार यही है कि आप जैसी मित्रता करेंगे वैसे ही आप ढलेगे और वैसे ही बनेंगे । क्योंकि मित्रता से बांधा हर एक व्यक्ति जो मित्रता को महत्व देता है वह सबसे ज़्यादा अपने मित्र के ही टच में रहता है। चाहें उसका मित्र दूर ही क्यों न रहता हों । वह किसी न किसी माध्यम से उसके टच में रहता ही है। वर्तमान समय में बेशक लोग मित्रता को ग़लत नजरिए से परिभाषित कर रहे हों और दूषित कर रहे हों । लेकिन मित्रता एक ऐसा रिश्ता है जो स्वार्थ से ऊपर उठकर बनता है। यदि स्वार्थ होता भी है तो सिर्फ और सिर्फ इतना कि हम एक दूसरे के सुख दुख में अपनी सहभागिता रख एक दूसरे के साथ अपनी मित्रता क़ायम रखना। क्योंकि जहां स्वार्थ है वहां ज्यादा दिन तक मित्रता क़ायम रखना संभव नहीं है । आपके भी जीवन में ऐसा कोई न कोई तो मित्र जरुर होगा जिसे आप सबकुछ साझा करते हैं । तो उस मित्र की उपयोगिता को समझें और जीवन के हर छोर पर उसकी मदद लेने की व आवश्यकता पड़ने पर उसकी मदद करने का हर संभव प्रयास करें यही एक सच्चे और अच्छे मित्र कि मित्रता हैं