जिंदगी की खिड़की पे सुबह हुई,
खुशियों की एक किरण हमें जगाने आई है।
ख्वाबों के फूल खिलते हैं यहां,
इस बागबान को मोहब्बत से सजाने आई है।
यादों को भुला देते हैं हम वक्त के साथ चलते हुए
अब हर लम्हें को यादगार बनाने आई है।
जिंदगी में कोई कमीं महसूस ना हुई हमें,
अब सच्ची खुशियों का राज बताने आई है।
हारी-थकी हुई थी मुस्कान हमारी,
एक नन्ही परी फुरसत से हंसाने आई है।