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नवम अध्याय : राजविद्या राजगुह्य योग

16 जुलाई 2023

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रचनाएँ
श्रीमद्भागवत गीता (घर घर गीता, गीत पुनीता)
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श्रीमद्भागवत गीता का सरल काव्य रूपांतरण
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प्रथम अध्याय : अर्जुन विषाद योग

16 जुलाई 2023
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 धृतराष्ट्र ने संजय से पूछा :--     धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र में ,  युद्ध इच्छा से आये ।  पांडु और मेंरे पुत्रों ने,  किया क्या देओ बताय। 1-1     संजय ने बताया :--     व्यूह बद्ध पांडव सेना को

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द्वितीय अध्याय : सांख्य योग

16 जुलाई 2023
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 संजय बोला;---  कायरता से भरे हुए और,  अश्रु पूर्ण हैं आंख।  दुखी हुए उस अर्जुन को,  मधुसूदन ने बोली बात। 2---1     भगवान ने कहा:--  किस प्रकार असमय में,  आया अपयश का भाव।  ना ये स्वर्ग की रा

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तृतीय अध्याय : कर्म योग

16 जुलाई 2023
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 अर्जुन कहते हैं:----     श्रेष्ठ मान्य है ज्ञान यदि,  कर्म से जनार्दन।  फिर भयंकर कर्म करने का,  क्या है प्रयोजन। 3---1  मिश्रित वचनों से मेरी,  बुद्धि हो रही भ्रमित।  निश्चित बात बताइये,  ज

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चतुर्थ अध्याय: ज्ञान कर्म सन्यास योग

16 जुलाई 2023
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    श्रीभगवान् बोले---  ये अविनाशी योग मैंने,  सूर्य को बतलाया।  सूर्य ने, अपने सुत, वैष्वतस्य  मनु,  और मनु ने अपने पुत्र, इक्ष्वाकु, को समझाया। 4---1     परम्परा से प्राप्त योग ये,  राजर्ष

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पंचम अध्याय : कर्म संन्यास योग

16 जुलाई 2023
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 अर्जुन ने कहा :----  हे कृष्ण!   कभी प्रसंशा कर्मयोग की,   कभी कर्म संन्यास।   उत्तम है जो मेरे लिए,   वही कहो तुम बात। 5----1     श्रीकृष्ण ने आगे कहा :---  कर्म संन्यास व कर्मयोग,   हैं दो

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षष्ठम अध्याय : ध्यान योग

16 जुलाई 2023
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 श्री कृष्ण अर्जुन को समझाते हैं   अनाश्रित हो कर्मफल पर, करे निष्काम भाव से कर्म।   वास्तव में संन्यासी वही,   और कर्मयोगी का भी,   वही है असली धर्म। 6---1 & 6----2        जब करता है कर्म कोई

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सप्तम अध्याय : ज्ञान विज्ञान योग

16 जुलाई 2023
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 श्रीकृष्ण कहते हैं ---     हे पार्थ!   योगी होकर जिस प्रकार तू,   जानेगा पूर्ण रूप से मुझको।   वो ज्ञान तुझे समझाता हूं,   कुछ और जानना, शेष बचे नहीं तुझको। 7---1 & 2      श्रीकृष्ण आगे कहते

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अष्टम अध्याय:अक्षर ब्रह्मयोग

16 जुलाई 2023
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 अर्जुन उचाव--  कर्म है क्या? ब्रह्म है क्या?   और क्या है अध्यात्म?   कहते हैं अधिभूत किसे?   किसका अधिदैव है नाम?   8---1     कौन यहां अधियज्ञ है।   कैसे है वो शरीर में व्याप्त?   अंतकाल मे

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नवम अध्याय : राजविद्या राजगुह्य योग

16 जुलाई 2023
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 भगवान श्री कृष्ण कहते हैं--     तू है, मेरा परम भक्त,   है तू, दोषदृष्टि से मुक्त ।   परम गोपनीय ज्ञान है ये,   ये है विज्ञान सहित।   9--_1     विज्ञान सहित ये ज्ञान है,   है, सब विद्याओं का

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दषम अध्याय : विभूति योग

16 जुलाई 2023
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 श्रीकृष्ण कहते हैं----  हे महबाहो!  एक बार फिर से सुनों,  परम रहस्यमय वचन।  करे प्रेम तू अतिशय (बहुत ज्यादा) मुझको,  तेरे हित में ही हैं ,ये वचन।  10---1     ना जाने कोई देवता,   और ना ही मह

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ग्यारहवां अध्याय : विश्वरुप दर्शन योग

16 जुलाई 2023
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 अर्जुन कहते हैं ---  मुझ पर अनुग्रह (कृपा) किया आपने,  दिया गोपनीय उपदेश।  हुआ नष्ट अज्ञान मेरा,  और पूर्ण हुआ उदेश्य।  11---1     हे कमल नेत्र!  पूर्ण रुप से सुनी है मैंने,  सब भूतों की उत्

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बारहवाँ अध्याय : भक्तियोग

16 जुलाई 2023
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 अर्जुन पूछते हैं---  सगुण रुप में भजते तुझको,   या निर्गुण अविनाशी।   दोनों में से श्रेष्ठ कोन है,   बतलाओ घट ,घट वासी।   12----1     श्रीकृष्ण कहते हैं-----  सगुण रुप में लगा निरंतर,   भज

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तेरहवाँ अध्याय : क्षेत्र क्षेत्रज्ञ विभाग योग

16 जुलाई 2023
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भगवान श्री कृष्ण बोले--- हे कौंतेय! इस शरीर को ही हम सब, कहते हैं क्षेत्र। और क्षेत्र को जानने वाला, कहलाता है क्षेत्रज्ञ। 13---1 हे अर्जुन! सब क्षेत्रों (शरीरों) में, मुझको ही तू जीवात्मा जा

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चौदहवां अध्याय : गुणत्रय विभाग योग

16 जुलाई 2023
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 श्रीभगवान् बोले, ---     ज्ञानों में भी अति उत्तम है, ऐसा है वो परम ज्ञान।  मुनिजनों को मिली परमगति  उस परम ज्ञान को जान  14----1     प्राप्त करके इस ज्ञान को,  पुनर्जन्म नहीं पाते।  प्रलय क

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पन्द्रहवां अध्याय : पुरुषोत्तम योग

16 जुलाई 2023
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 श्रीकृष्ण कहते हैं---  आदिपुरुष, परमेश्वर मूल वाले,   और ब्रह्मारुप मुख्य शाखा वाले।   इस संसार रुपी वृक्ष को,   कहते हैं अविनाशी।   चारों वेद कहे गए हैं,   पत्ते इसके।   मूलसहित(पूर्ण रुप से

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सोलहंवा अध्याय : दैवासुरसम्दविभागयोग

16 जुलाई 2023
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 भगवान् श्रीकृष्ण दैवी सम्पदा से युक्त पुरुष के लक्षण बताते हुए कहते हैं ---     जो होता है भयरहित,   और शुद्ध है, अंत:करण।   ज्ञान योग में रत रहे,   करे दान यज्ञ और इंद्रियों ,  का संयम।   पठ

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सत्रहवा अध्याय : श्रृद्धात्रय विभाग योग

16 जुलाई 2023
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 अर्जुन पूछते हैं----  हे कृष्ण!   श्रृद्धा से जो पूजन करते,   पर करते शास्त्र विधि से रहित।   सात्विक, राजस या तामस,   किस गति में होते हैं वो,   स्थित।   17---1     भगवान् श्रीकृष्ण बताते

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अठारहवां अध्याय : मोक्ष संन्यास योग

16 जुलाई 2023
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 अर्जुन बोले----  हे महाबाहो! हे अंतर्यामी!   हे वासुदेव! हे घनश्याम!   मेरी इच्छा है मैं जानूँ,   असल रुप में ज्ञान।   त्याग और संयास का,   भेद मैं जाऊ जान।   18----1     कुछ पंडित तो कहते

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