shabd-logo
Shabd Book - Shabd.in

हौसले बुलंद हैं

रश्मि गुप्ता

8 अध्याय
12 लोगों ने खरीदा
4 पाठक
8 अप्रैल 2023 को पूर्ण की गई
ISBN : 978-93-94582-86-6

मेरे प्रिय पाठकों, जिसमें दुधमुहे बच्चों से लेकर उम्रदराज मेरे भाई बहन और बेटी बेटे जैसे युवा और स्कूल, कालेज जाने वाले टीन एजर सभी शामिल हैं । चौकिये मत, दुधमुहे इसलिए लिखा है कि बचपन की मधुर थपकियों से ही तो नींव बनती है । इसलिए जिसे बचपन प्यार भरा मिलता है वो सारी उम्र दोनो हाथो से प्यार लुटाता है। मैंने बचपन से प्यार बहुत देखा है इसलिए इन पन्नों में आप सबके लिए उड़ेल देती हूं । हौसले बुलंद हैं ये कुर्सी में बैठी एक वृद्धा कि अपनी कहानी है जो चाहे पैरों से ज्यादा नहीं चल पाती, पर बुलंद हौसलों की मलिका है । जो शारीरिक यातना उसने झेली है उसे याद करके रोंगटे खड़े हो जाते हैं आज जो भी असहाय, बेसहारा होता है उसकी जो भी मैं मदद कर सकती हूँ करती हूँ। ये भी चाहती हूँ कि अपने बलबूते पर जाने के बाद भी ये सिलसिला चलता रहे । आप सब मेरी पस्तके पढेगें तो अवश्य ही मेरी मनोकामना पूरी होगी । समस्त पाठकों को मेरा शुभ आशीर्वाद। जाने अनजाने हुई गलती के लिए अपने पाठकों से क्षमाप्रार्थी हूँ। आपकी अपनी ही शुभेक्षु । रश्मि। 

hausale buland hain

0.0(0)

पुस्तक के भाग

1

बेफिक्र बचपन

15 मार्च 2023
1
0
0

बैठी हूँ मैं कागज कलम लेकर, हैरान हूं कि, तकरीबन 8 दशक बीतने को हैं , क्या कर रही हूं, मैं इतने सालों में ? पीछे नजर उठा कर देखती हूँ तो मुझे लगता है । कि जिंदगी में मैने चढ़ाव ही चढ़ाव देखे हैं और यद

2

कालेज की मस्ती और मस्ती के सपने

15 मार्च 2023
1
0
0

अब कालेज जाने का समय आ गया था । रिवाड़ी में तो कालेज की कोई खास व्यवस्था नहीं थी। ले देकर दूर दराज में केवल एक ही कालेज था और उसमें भी लड़कियों के लिए उचित माहौल नहीं था ।अब मुझे कंही बाहर भेजने का फै

3

ससुराल का हाल, खुशियाँ बेमिसाल

15 मार्च 2023
0
0
0

सड़के ही क़्यूं मैंने अपना जीवन ही इनकी उंगली पकड़ कर शुरू किया। काफी कुछ आदतें इनकी और मेरी बहुत ही अलग थीं। ये रात देर से सोते और सुबह उठते भी देर से । मैं रात को जल्दी सोने की आदि , और सुबह जल्दी उ

4

जिम्मेदारी का अहसास

15 मार्च 2023
0
0
0

लेकिन भाभी, बाबूजी ने एक पैसा भी कभी नहीं लिया । एक ननद की शादी तो हमारी शादी के एक महीने बाद ही हो गई थी । बाबूजी कहते थे, अपने बच्चे के खर्च के साथ साथ आना जाना करलो वो ही बहुत है । नई गृहस्थी शुरू

5

साल दर साल 18 साल

15 मार्च 2023
0
0
0

देश के मध्य में बसा, मध्य प्रदेश और उसके भी बीच में जबलपुर। बहुत सुंदर जगह। खुला खुला शहर, कुछ धुला धुला शहर। बारिश के बाद एक दम साफ सुथरा दिखता । ना गर्मी के बुरे पसीने ना सर्दी की कड़कड़ाती ठंड। मई

6

खुशनसीबी ही खुशनसीबी

15 मार्च 2023
0
0
0

अब कानपुर में हमें बडा़ घर मिल गया था । मौसम जबलपुर के बिल्कुल विपरीत । अगस्त का महीना था । खूब बारिश हो रही थी । जमीन एक दम बंजर। पेड़ पौधों का कोई मतलब नहीं। जो शौक जबलपुर में चल रहे थे, वो सब धाराश

7

चुनौतियां बेशुमार

15 मार्च 2023
1
1
0

चाय का प्याला हाथ में लिए हुए मैने अपनी बात यूं शुरू की । देखो देबिना मेरी उम्र अब 47 साल है । मेने आज तक जो जो चाहा है वो सब कुछ पाया है और सच कहूं तो उतना सब पाया है जितने कि मैंने आशा भी नहीं की थी

8

सर्विस का खुशनुमा सफर

15 मार्च 2023
1
1
0

बेटे की शादी हो गई थी। उसी साल रिटायरमेंट की उम्र भी 2 साल बढ़ गई थी । उन दो सालों में इनकी ख्याति में और चार चांद लग गये थे ।मैने भी नारी कल्याण परिषद के खाते से जी भर कर हस्पिटल व परिषद के स्कूलों क

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए