प्रथम भाग _ फुलझड़ियां
17 नवम्बर 2022
एक बार फिर मैं आपके पास आई हूँ। आपका और मेरा अपना मन बहलाने । फुर्सत के कुछ पलों का आनंद उठाने। कहने वाले को तभी तो कहने में स्वाद आता है, जब सुनने वाला तल्लीन होकर सुनता है जाहिर सी बात है, घिसिपिटि बातों को तो कोई सुनता नहीं। मैं लेकर आई हूँ, हर पीढ़ी के लिए कुछ चटपटा, कुछ गर्म, गर्म, कुछ नरम नरम, कुछ शिक्षाप्रद और कुछ सौहार्द पूर्ण । मैंने इसे चार भागों में विभाजित किया है। एक हिस्सा बचपन का, नाम है फुलझड़ियां। एक हिस्सा सस्पेंस। एक हिस्सा नन्हे मुन्ने बच्चे तेरी मुट्ठी में क्या है। एक हिस्सा नवरात्र में कुछ मां भवानी को समर्पित और कुछ अन्य भजन । मेरी पहली रचनाओं को आपका पूर्ण सहयोग मिल रहा है। उसी से प्रेरित होकर मैं नये नये प्रयोग कर रही हूँ। मुझे पूरी आशा है, मैं अपने प्रिय पाठकों को निराश नहीं करुंगी। सदैव की भांति मैं अपने मित्रों को शुभाशीष दूंगी । आप अवश्य ही मेरी कमियों पर टिप्पणी करें, तभी तो कुछ सुधार होगा। कोई बात अच्छी लगे तो मुझे, जरुर बताना। आपको तो पता है ना तारीफ तो किसी को भी उल्लास से भर देती है। चलो अब पुस्तक पढ़ते हैं । हाँ एक बात तो मैं कहना ही भूल गई कि कोई बात आपको ठेस पहुंचाये, तो उसके लिए मैं सविनय क्षमाप्रार्थी हूँ। रश्मि
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