shabd-logo

नज़र से नज़र की सिफ़ारिश न होती

19 अप्रैल 2020

372 बार देखा गया 372

नज़र से नज़र की सिफ़ारिश न होती

तो दिल में मोहब्बत की ख़्वाहिश न होती


सभी अपनी तहज़ीब पहचानते अगर

बदन की कहीं भी नुमाइश न होती


ख़लल कुछ इबादत में पड़ता नहीं तब

जो इन्सां की फ़ितरत में लग्ज़िश न होती


अगर तुम न मिलते हमें ज़िंदगी में

जहां में हमारी रिहाइश न होती


छुपाए मोहब्बत कभी छुप सकी क्या

कहाँ तक इन आँखों से बारिश न होती

Baljeet singh benaam की अन्य किताबें

आलोक सिन्हा

आलोक सिन्हा

बहुत सुन्दर गजल

20 अप्रैल 2020

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए