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नेह का झरना

21 जुलाई 2022

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निर्झर नेह अनुराग का झरना बहता रहे

सिलसिला मधुर वाणी कल कल सदा सुने

स्नेह प्रीत गीत की  दऊऔर मलय पवन बहे

मै अहम नफरत जीव जंंतु बह अलविदा कहे

मै हूं न ..सुंदर सुखद सघन शब्द श्रवण करे

अंतर्मन का भाव यही तिस पर मनन करे

मानुष जन्म अनमोल सुंदरता से रमण करे

ना लेना ना देना है सद्व्यवहार सदा करे

                             -सीमा गुप्ता

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कवितांजलि
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जब मेरे शब्द मन के भावों से सन कर काव्य रूप में कागज पर उतर जाएं तो काव्य मंजरी की रचना होती है।

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