shabd-logo

नेह का झरना

21 जुलाई 2022

11 बार देखा गया 11

निर्झर नेह अनुराग का झरना बहता रहे

सिलसिला मधुर वाणी कल कल सदा सुने

स्नेह प्रीत गीत की  दऊऔर मलय पवन बहे

मै अहम नफरत जीव जंंतु बह अलविदा कहे

मै हूं न ..सुंदर सुखद सघन शब्द श्रवण करे

अंतर्मन का भाव यही तिस पर मनन करे

मानुष जन्म अनमोल सुंदरता से रमण करे

ना लेना ना देना है सद्व्यवहार सदा करे

                             -सीमा गुप्ता

1
रचनाएँ
कवितांजलि
0.0
जब मेरे शब्द मन के भावों से सन कर काव्य रूप में कागज पर उतर जाएं तो काव्य मंजरी की रचना होती है।

किताब पढ़िए