हर तपका सत्यता से मुँह चुराए है।सत्यता पीड़ा जो देती है कहने में।सत्य की पीड़ा कभी बयां नही होती।आखिरकार सत्य तो सत्य है फिर मुखौटा क्यो?कोरोना का संसार मे सारांश है जो सत्य है।को- कोई रो- रोज़गारना- नही।
लेख विद्यार्थियों में गिरते मूल्य कहते हैं जो विद्यार्थी शिक्षक का सम्मान नहीं करते उन्हें ज्ञान प्राप्त नहीं होता यह बात अब आई गई सी लगती है । आज विद्यार्थियों में गिरते मूल्यों का एक मुख्य कारण उनके स्वयं के अभिभावक है । ऐसा क्यों …?