मैं आर्थिक मामलों की विशेषज्ञ नहीं हूं केवलवर्तमान स्थिती पर अपना मत रख रही हूं। कोरोना ने कुछ दिनों लोगों को काफी डरायालेकिन ये डर कुछ ही दिन लोगों के मन में रहा, अब लोग सावधानी बरत रहे है लेकिनउन्हें संक्रमित होने से ज्यादा डर अपनी आजीविका खत्म होने का सता है। कई कं
हर तपका सत्यता से मुँह चुराए है।सत्यता पीड़ा जो देती है कहने में।सत्य की पीड़ा कभी बयां नही होती।आखिरकार सत्य तो सत्य है फिर मुखौटा क्यो?कोरोना का संसार मे सारांश है जो सत्य है।को- कोई रो- रोज़गारना- नही।
स्वरोजगार योजना में लोन का आवेदन करने से पहले गरीबी रेखा के नीचे का कार्ड बनवाने आए छठी फेल युवक की अंग्रेजी सुन कलेक्टर हैरान रह गए। उन्होंने कहा- तुम इतने अच्छे, स्मार्ट हो और अंग्रेजी भी बाेल लेते हो, तुम छठी फेल नहीं हो सकते। झूठ बोले रहे हो, तुम्हारा बीपीएल कार्ड नही
रेलवे के साथ मिलकर 10 लाख रुपये कमाने का शानदार मौका-हिंदी या अंग्रेजी में लेख लिखकर सुझाव देने होंगेउम्रसीमा- 20 मार्च 2018 तक 18 साल से अधिकअधिकतम 1000 शब्द में लेखलास्ट डेट- 19 मई (शाम 6 बजे तक)अधिक जानकारी के लिए इस वेबसाइट पर क्लिक करे - https://innovate.mygov.in/jan-bhagidari/