आदि पराशक्ति,नवदुर्गा इनके अनेक नाम है।ये नवरात्र का सीजन भी बड़ा अहम होता है हम हिन्दुओं के लिए नवरात्री के पहले से माता रानी के पंडाल को सजाकर माता रानी को उसमें विस्थापित करते है और साथ पूरे नौ दिन माता रानी के लिए व्रत और पूजा अर्चना बहुत ही श्रद्धा मन से करते है। हिन्दुओ के लिए ये त्यौहार सबसे पवित्र त्योहारों मे से एक है।वैसे हमारा देश त्योहारों का देश रहा है जिसमें देखा जाए तो साल भर मे कोई ना कोई त्यौहार बराबर आते ही रहते है। अभी हाल ही मे पितृपक्ष समाप्त हुआ और उसके दूसरे ही दिन से नवरात्र लग गया और नवरात्री के बाद दशहरा,ढेडिया,दीपावली अनेकों अनेक त्यौहार आते है और लोग पूरी श्रद्धा से इन त्यौहार को मनाते है। हमारे यहाँ साल मे 2 बार नवरात्री मनाई जाती है । हम नवरात्री मे माता रानी के नौ रूपों को मानते है और उनके बारे मे पढ़ने और जानने को मिलता है।इन्हें आदिशक्ति भी कहते है। वैसे ये त्यौहार सम्पूर्ण भारतवर्ष मे मनाया जाता है लेकिन अब विदेशी मे इसमें बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेने लगे है क्योंकि भारत के लोग जिस भी देश मे जाते है वहाँ पर ही अपनी संस्कृति और त्यौहार नज़र आते है। इस त्यौहार को पश्चिम बंगाल मे अधिकता से मनाया जाता है और इसका उद्भव भी यही से मानते है। नवरात्री के दिनों मे भक्त माता रानी कि पूजा-अर्चना के साथ साथ मनोरंजन के लिए विभिन्न प्रकार के कला-कृति,नौटंकी और नृत्य प्रतियोगिता जैसे कामों से लोगों का मनोरंजन करते है।सम्पूर्ण भक्ति भाव इस समय पूरे भारत मे दिखता है।ये बहुत ही मनमोहक दृश्य होता है हर एक भारतवासी के लिए जिसमें हिन्दू धर्म के साथ साथ दूसरे धर्म के लोग भी इसका आनंद लेते है और पूरे भक्ति भाव से मनाते है।10वें दिन दशहरा के दिन माता रानी का विसर्जन के साथ सभी की आँखे नम होती है और दुःखी मन से माता रानी का विसर्जन कर अपने पूर्व के कर्मो मे लग जाते हैं। *त्रिभुवन गौतम S/O शिव लाल शेखपुर रसूलपुर चायल कौशाम्बी उत्तर-प्रदेश भारत।*
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