जल,जन और जीवन.... जल हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग है जिसके बिना जीवन की कल्पना ही नहीं की जा सकती। बीते कुछ सालों से जल संकट बहुत तेजी से देखने को मिला है। कहने को तो हमारे पृथ्वी पर स्थल भाग का लगभग एक तिहाई जल है किन्तु पीने योग्य जल बहुत ही कम मात्रा मे ही है।अगर इसका अभी से संरक्षण ना किया गया तो भविष्य मे इसके बहुत ही नकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे। इस समय हमारे उत्तर भारत मे ग्रीष्म ऋतु का समय है जिसकी वजह से यहाँ अत्यधिक मात्रा मे गर्मी पड़ती है जिसकी वजह से हमारे यहाँ कि नदियां, झील,झरनों,तालाबों का पानी बराबर सूखता रहता है और तो और हमारे यहाँ के कुआँ,हैडपम्प आदि का पानी कि सप्लाई भी और नीचे चली जाती है या ये कहें की इनका पानी भी सूखने लगता है जिसकी वजह से भारी जल संकट देखने को मिलता है। और जिन जगहों पर जल की आपूर्ति अच्छे से हो पा रही है वहाँ के लोगों को पानी खराब करने से खुद को रोकना चाहिए।क्योंकि जितना जल या पानी हम आज बचायेंगे वो हमारी आने वाली पीढ़ी के काम आएगी। *क्या करना चाहिए ज्यादा से ज्यादा जल को संरक्षण करने के लिए_____* 1.)हमें उतना ही पानी लेना है जितना की हमें जरुरत है और बाकी जो ज्यादातर पानी हम खराब नालियों मे बहाते है वो करने से रोकना चाहिए। 2.)नहाने या कपड़े धोने के पानी को एक टंकी या गड्ढे मे इकठ्ठा करके उसे खेती के लिए प्रयोग मे लाना चाहिए। 3.)हमारे द्वारा और प्रधानपति को हमारे यहाँ के सूख रहे तालाबों के बारे मे बताना चाहिए वा उसमे पानी इकठ्ठा करने की व्यवस्था करना चाहिए जिसके पानी का प्रयोग मवेशियों और पशु-पक्षी के पीने का एकमात्र साधन है। 4.)साथ ही हमारा भी कुछ कर्तव्य बनता है की हम भी अपने छत या खाली जगहों पर पानी या खाने की व्यवस्था करें जिससे की हमारे यहाँ रह रहे पक्षियों को पानी की वजह से प्यासा ना रहना पड़े।ये एक नेक काम भी है जिसे करना हमारी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए।ये हमें अच्छा इंसान बनने को प्रेरित करेगा। *त्रिभुवन गौतम s/o शिव लाल शेखपुर रसूलपुर चायल कौशाम्बी उत्तर-प्रदेश भारत।*
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