ओमप्रकाश गुप्ता
2 किताबे ( 1 हिंदी )
20 रचनायें ( 20 हिंदी )
अवकाश प्राप्त व्याख्याता गणित बी0आई0ओ0पी0सीनियर स्कूल, दंतेवाड़ा छत्तीसगढ़ कविता और लघु लेख लिखने में रुचि। कविता संग्रह " तिनके ,मेरे नीड़ के" प्रकाशित। लघु कथा संग्रह "अतीत की पगडंडियां" प्रकाशित
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अनछुए लम्हें,मेरे जीवन दर्शन संग
इस पुस्तक में अधिकांश ऐसे वर्ग के परिवारों की कहानियों का संग्रह है जो समाज की आर्थिक संरचना की दृष्टि में लगभग पेंदे पर है , सामान्य तौर पर लोगों की नज़र इनकी समस्याओं पर न तो पड़ती है और न ही तह तक जाकर समझना चाहती ।देश के कानून के अनुसार किसी वर्
अनछुए लम्हें,मेरे जीवन दर्शन संग
इस पुस्तक में अधिकांश ऐसे वर्ग के परिवारों की कहानियों का संग्रह है जो समाज की आर्थिक संरचना की दृष्टि में लगभग पेंदे पर है , सामान्य तौर पर लोगों की नज़र इनकी समस्याओं पर न तो पड़ती है और न ही तह तक जाकर समझना चाहती ।देश के कानून के अनुसार किसी वर्
तेज कदमों से बाहर निकलते समय
21 अप्रैल 2024
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शकुनि कब तक सफ़ल रहेगा?
23 मार्च 2024
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जेहि जब दिसिभ्रम होइ खगेसा........
19 मार्च 2024
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शहरों से न्यारा मेरा गांव
16 जनवरी 2024
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दुखड़ा किससे कहूं?
6 जनवरी 2024
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हर घर, अपना अर्थ ढूंढ रहा है
19 दिसम्बर 2023
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सोच, व्यव्स्था बदलाव की
26 नवम्बर 2023
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आत्ममुग्धता, वातायन की
23 नवम्बर 2023
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कर्ण,अब भी बेवश है
8 नवम्बर 2023
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एक किता कफ़न
31 अक्टूबर 2023
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