"पप्पू तैयार है अपने ससुराल जाने के लिए।उसके हाथ में एक छोटा थैला है। पप्पु की बीबी जिसका नाम कमला है वह अपने मायके में है उसे ही लाने पप्पु जा रहा था।।बेटा तुम बिलकुल सीधे जाना ,इधर उधर मुड़ कर मत जाना और जहां कही रात हो,तुम वही रुक जाना।। पप्पु की मां बोली ... ठीक है मां मै ऐसा ही करुंगा।इतना कह कर पप्पू चल पड़ा। पप्पु एक आज्ञाकारी पुत्र है वह अपनी मां का हर बात मानता है। पप्पु 25 साल का है लेकिन उसका दिमाग़ एक छोटे बच्चे की तरह है।।...बहुत देर तक चलने के बाद रास्ते में एक पेड़ पड़ा,पप्पू पेड़ के पास रुक कर सोचने लगा,कि मां तो कही थी,तुम बिल्कुल सीधे जाना, मुड़ना मत ।।कुछ देर सोचने के बाद उसके छोटे से दिमाग़ मे एक ख्याल आया और उसने अपना झोला पीठ पर बांध कर पेड़ पर चढ़ने लगा पूरा ऊपर तक चढ़ने के बाद दुसरे तरफ से उतर गया और फिर आगे जाने लगा।।.... शाम होने वाली थी और पप्पू तेज़ी से आगे बढ़ते जा रहा था।चलते _चलते रास्ते में एक तालाब पड़ा ,तालाब में पानी छाती भर था। पप्पु इधर उधर नही देखा और अपना झोला सर पर रख कर तालाब में घुसकर उसे पार जाने लगा,तालाब बहुत चौड़ा था तालाब के बीच में पहुंचते _पहुंचते रात के आठ बज गए।। फिर पप्पु सोचा कि मां ने कहा था जहा कही रात हो तुम वही रुक जाना।बस क्या था मां के बात मानते हुए पप्पु झोला सर पर रखे उसी तालाब में रात बिताने लगा।। गर्मी का मौसम था चांदनी रात थीं। बहुत देर तक खड़े रहने के बाद ,चार चोर नाव से आ रहे थे उनकी नजर पप्पू पर पड़ा,पहले तो डरे और डरते हुए उनमे से एक बोला ...कौन हो भाई तुम इस तालाब में क्यों खड़े हो... इस पर पप्पू बोला ..मै राही हु भाई और मैं मै इस पानी में रात बिता रहा हूं।। अरे मुर्ख तुम्हे तलाबे मिला रात बिताने के लिए..एक चोर बोला ।। हां भाई मेरी मां कही थी कि जहा कही रात हो तुम वही रुक जाना।। लेकिन तुम जा कहा रहें हो ..फिर एक चोर बोला।।मै अपने ससुरारी जा रहा हूं अपने बीबी को लाने ।।बुरबाक ऐसे पानी में खड़े रहना ठीक नहीं है चलो हमारे साथ चोरी करने बहुत पैसा मिलेगा तुम अपने बीबी के लिए समान ख़रीद कर लेते जाना ।पप्पू के छोटे से दिमाग़ को उनकी बात अच्छा लगा और फिर क्या था उनकी बात मान गया और उनके साथ जाने के लिए तैयार हो गया।