🔵 संजय चाणक्य
कुशीनगर। पुलिस प्रशासन के खिलाफ खबर लिखने वाले पत्रकार के बागी कलम को रोकने मे नाकाम पुलिस महकमा के लोगो ने आखिरकार उस पत्रकार को अपने षडयंत्र का शिकार बना ही दिया। बीते दिनो जनपद के कसया थाना क्षेत्र के तमाम घटनाए एव लाँकडाउन मे कसया के चौकी प्रभारी द्वारा जनपद के बाहर जाने के मामले को लगातार अखबार मे खबर प्रकाशित करने के कारण पुलिस प्रशासन की खूब छिछालेदर हुई थी। जिससे खार खाये पुलिस प्रशासन ने एक चक्रव्यूह की रचना कर पत्रकार अखिलानंद के खिलाफ अलग-अलग थानो मे मुकदमा दर्जकर उसे गिरफ्तार करके जेल भेज दिया। मजे की बात यह है कि जिसके खबरो से पुलिस प्रशासन खौफजादा थी उसे अब तथाकथित पत्रकार कहा जा रहा है जबकि डेली न्यूज एक्टिविस्ट के पत्रकार अखिलानंद राव के नाम से लगातार खबरे प्रकाशित हुई है और उन्ही खबरो से तिलमिलाए जिले की पुलिस ने एक कलमकार को अपने गुस्से का शिकार बनाकर यह साबित कर दिया कि " पुलिस के खिलाफ अगर किसी ने खबर लिखा तो एक-दो नही बल्कि कई थानो मे मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिये जाओगे।"
🔵 क्या है मामला
गौरतलब है कि डेली न्यूज के पत्रकार अखिलानंद राव द्वारा विगत दो माह से कसया, पटहेरवा थाना सहित जनपद के पुलिस प्रशासन के खिलाफ अवैध शराब, लचर कानून व्यवस्था व पुलिस प्रशासन मे व्याप्त भ्रष्टाचार से संबंधित खबरे लगातार प्रकाशित किया जाता रहा है। सूत्र बताते है कि पुलिस प्रशासन के खिलाफ खबर न लिखने के लिए अखिलानंद को मैनेज करने का बहुत प्रयास किया गया लेकिन जब पत्रकार राव मैनेज नही हुआ तो एक उपनिरीक्षक ने पुलिसिया भाषा मे समझाते हुए खबर न लिखने की हिदायत भी दी थी। इसके बावजूद राव की लेखनी नही रुकी तो पुलिस महकमा के लोगो ने षडयंत्र रचते हुए कसया व पटहेरवा थाने मे अलग-अलग मुकदमा दर्ज किया और गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
🔵कसया कस्बा चौकी इंचार्ज के खिलाफ लिखा था खबर
बताया जाता है कि बीते दिनों अखिलानंद ने कसया कस्बा के चौकी इंचार्ज ज्योति कुमार सिंह के खिलाफ " लाँकडाउन मे चौकी इंचार्ज हुए रवाना" व " मौलाना के साथ चौकी प्रभारी का जाना बना चर्चा " नामक शीर्षक से खबर प्रकाशित किया था। खबरो मे कहा गया है कि कस्बा चौकी प्रभारी बिना अनुमति के एक मौलाना के साथ जनपद से बाहर गये थे और वहा से आने बाद उनको कोरनटाइन सेन्टर मे नही रखा गया। इसके अलावा जनपद के पुलिस प्रशासन के खिलाफ " दरोगा जी मे नही है दम, फिर कैसे बनेगे सिंघम", " पुलिस विभाग मे लाइन हाजिर सजा या मजा", " अपराधियों का मददगार है कारावास सिपाही", " पशु तस्करों का सेफ जोन बना बिहार सीमा से लगा क्षेत्र " सहित तमाम खबरे प्रकाशित किया गया था। इस बात मे कितनी सच्चाई है यह तो जांच के बाद ही स्पष्ट होगा लेकिन सूत्र बताते है कि पत्रकार अखिलानंद द्वारा लिखे गए इन खबरों से पुलिस महकमा मे खलबली मची हुई थी।
🔵 पुलिसिया अंदाज मे समझाया राव को
ऐसी चर्चा है" लाँकडाउन मे चौकी इंचार्ज हुए रवाना, हडकंप" व " मौलाना के साथ चौकी प्रभारी का जाना बना चर्चा " नामक शीर्षक से प्रकाशित खबर के बाद कस्बा चौकी प्रभारी ज्योति सिंह अपने पुलिसिया अंदाज मे राव के सेलफोन पर फोन करके समझाया था। तकरीबन दो मिनट के आडियो वार्ता मे चौकी इंचार्ज ने खुद को किसी से न डरने वाला दरोगा बताते हुए राव को न सिर्फ पत्रकारिता का दायरा समझा था बल्कि कि लिखंत-पढंत मे आने के बाद खबरो की प्रमाणिकता व साक्ष्य की प्रस्तुत करने की बात कही गयी। अखिलानंद व चौकी प्रभारी के बीच हुई वार्ता के आडियो का कुछ अंश.....
कस्बा चौकी इंचार्ज हेलो....
ऐसा है भइया जो भी आप लिख रहे है वह आपका प्रोफेशन है लेकिन जो भी लिख रहे है उसकी प्रमाणिकता पूरे प्रमाण के साथ होनी चाहिए। चौकी इंचार्ज यह भी कह रहे है कि अब मेरी बात आपसे लिखंत-पढंत मे होगी। दूध का दूध पानी का पानी होगा। जबाब मे पत्रकार अखिलानंद ने जी एकदम। प्रमाण है, हम बिना प्रमाण के खबर नही लिखते है भइया। फिर चौकी इंचार्ज कहते है आप पर्सनल होके जो भी कर रहे है.... अखिलानंद - नही पर्सनल कहा है एक पत्रकार कभी पर्सनल होता ही नही है भइया.. । चौकी इंचार्ज कहते है हम सारे प्रमाण इकट्ठा कर रखे है जो भी बात होगी प्रमाण के साथ होगी और लिखंत - पढंत मे बात होगी ठीक है। पीछे नही हटूंगा। अखिलानंद - अरे भइया कोई पीछे नही हटेगा आप निश्चिंत रहिए...। फिर चौकी प्रभारी - आपकी स्याही कम पड जाए तो स्याही हमसे मांग लेना आप दबाकर लिखो... आप दबाकर लिखिए अच्छा लिखिये। अखिलानंद - कोई खबर बिना प्रमाण के साथ नही लिखता हू भइया आप नियम से आइये.... कोई बात नही वही प्रमाण चाहिए.... चौकी प्रभारी आगे बोल रहे है... आप जो काम कर रहे हो न वह पत्रकारिता नही है इन्टेंसली काम कर रहे हो... तभी बीच मे अखिलानंद... नही भइया ये कैसे कह सकते है कि इन्टेंसली कर रहा हू। फिर उसके बाद चौकी इंचार्ज यह कहते है... मै वह पुलिस वाला हू जो डरता नही हू सुन लो मेरी बात.... तभी पत्रकार ने कहा आप हमको धमका रहे है क्या..... । नही... हम आपको धमका नही रहे है मै यह कह रहा हू कि आप जो भी लिखियेगा प्रमाण के साथ लिखियेगा। जो भी होगी लिखंत-पढंत मे आपसे बात होगी... हमारे पास प्रमाण है भइया.... चौकी प्रभारी - कोई बात नही मोस्ट वेल्कम, मोस्ट वेल्कम... । अखिलानंद - वारन्टी छूटा आपके पास उसका रिकाल नही है उसका भी मेरे पास प्रमाण है..... चौकी इंचार्ज फिर कहते है सारे प्रमाण लेकर बात होगी तभी अखिलानंद ने कहा मौलाना का.... और चौकी प्रभारी की ओर फोन कट हो जाता है।
🔵 चौकी प्रभारी ज्योति सिंह के तहरीर पर दर्ज हुआ पहला मुकदमा
बताया जाता है कि चौकी प्रभारी ज्योति कुमार सिंह द्वारा दिनांक 11 अप्रैल - 2020 को दिए गए तहरीर के आधार पर अखिलानंद के खिलाफ कसया थाने मे मुकदमा अपराध संख्या-246/2020 धारा 186,188,419,420, 468,504व 67 सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया। अपने तहरीर उपनिरीक्षक ज्योति कुमार सिंह ने लिखा है कि वर्तमान मे वह कुशीनगर जनपद के कसया थाना मे चौकी प्रभारी कस्बा के रूप मे नियुक्त है। एक व्यक्ति अखिलानंद राव पुत्र राम प्यारे निवासी वार्ड नम्बर 17 मणिपुरम नगर ( परसौनी मुकुन्दा) थाना कसया कुशीनगर का निवासी है जो अक्सर कुछ दिनो से अपने मनमाफिक कार्य कराने के हेतु उन पर दबाव बनाता चला आ रहा है। उसके मुताबिक कार्य न करने की दशा मे मुझे बदनाम करने के लिए अनावश्यक झूठे आरोप लगाकर वाट्सएप और फेशबुक पर पोस्ट करता रहता है और मुझ पर अनैतिक दबाव बनाता है। श्री सिंह ने अपने तहरीर मे यह भी लिखा है कि लाँकडाउन के दौरान दिनाक 2 मई - 2020 को मेरे कस्बा चौकी पर नियुक्त कस्टेबल रणधीर सिंह को फोन कर मुझे अनाब-सनाब कहते हुए शराब की मांग कर रहा था जिसकी वाइस रिकार्डिंग मौजूद है। उन्होंने यह आरोप लगाया है कि अखिलानंद द्वारा फर्जी रुप से कूट करट करते हुए मेरे फेशबुक से फोटो लेकर उसको एडिट कर कूटरचित तरीके से हेराफेरी कर वाट्सएप ग्रुप पर पोस्ट किया गया है व लाँकडाउन का उल्लघंन कर पुलिसकर्मी से शराब की मांग की गयी है।
🔵सवाल जो उठना लाजमी है
जैसा कि कसया कस्बा के चौकी इंचार्ज ज्योति कुमार सिंह अपने तहरीर मे कहे है कि एक व्यक्ति अखिलानंद जो अक्सर कुछ दिनों से अपने मनमाफिक कार्य कराने हेतु उन पर दबाव बनाता चला आ रहा है उसके मुताबिक कार्य न करने की दशा मे उन्हे बदनाम करने के लिए अनावश्यक झूठे आरोप लगाकर वाट्सएप और फैशबुक पर पोस्ट करता रहता है। अब सवाल यह उठता है कि अखिलानंद नामक व्यक्ति आखिरकार क्यो चौकी प्रभारी ज्योति सिंह पर अपने मनमाफिक कार्य कराने के लिए दबाव बनाता था। तहरीर पर गौर करे तो श्री सिंह अपने तहरीर मे यह कही भी उल्लेख नही किये है कि अखिलानंद उन्हे पत्रकारिता की धौस दिखाकर नैतिक या अनैतिक कार्यो को कराने के दबाब बनाता था। और ना ही अखिलानंद द्वारा अपनी ऊची पहुंच की भौकाल दिखाकर दबाव बनाने की बात कही गयी है। फिर ऐसे मे सवाल उठना लाजमी है कि एक पुलिस कर्मी ( जो कस्बा चौकी इंचार्ज है) को एक सामान्य और मामूली व्यक्ति किस आधार पर अपने मनमाफिक कार्य करने के लिए दबाब बना रहा था। कही ऐसा तो नही कि अखिलानंद और चौकी प्रभारी के बीच कोई खास जुगलबंदी हो। या फिर कही ऐसा तो नही अखिलानंद नामक व्यक्ति चौकी प्रभारी का कोई गहरा राज जनता हो। सवाल यह भी उठता है कि चौकी इंचार्ज श्री सिंह कब-कब और कितनी बार अखिलानंद के दबाव मे आकर उसके मनमाफिक कौन-कौन से कार्य किए है। और अखिलानंद के मनमाफिक कार्य नही किये जाने पर अखिलानंद ने कब-कब चौकी इंचार्ज श्री सिंह को बदनाम करने के लिए अनावश्यक झूठे आरोप लगाकर वाट्सएप व फैशबुक पर पोस्ट किया हे। तमाम ऐसे यक्ष प्रश्न है जिसकी जांच पुलिसिया षडयंत्र की कलई खोलने के लिए जरूरी है।
🔴 गिरफ्तारी से पूर्व पत्रकार और इंस्पेक्टर की बीच हुई वार्ता.... बोले कोतवाल - पुलिस को इतना पावर है राष्ट्रपति के खिलाफ भी दर्ज कर सकती है मुकदमा
डेली न्यूज एक्टिविस्ट के पत्रकार अखिलानंद राव द्वारा कसया चौकी इंचार्ज सहित पुलिस प्रशासन के खिलाफ लिखी गई की खबरो के बाद कसया कस्बा के चौकी इंचार्ज ज्योति कुमार सिंह व दैनिक भास्कर के पत्रकार ने तहरीर देकर पत्रकार राव के खिलाफ विभिन्न धाराओं मे मुकदमा दर्ज कराया। सूत्र बताते है कि राव के गिरफ्तारी के कुछ घंटे पहले पडरौना कोतवाली के इंस्पेक्टर पवन कुमार सिंह ने पत्रकार अखिलानंद राव के मोबाइल पर फोन किया था, जिसका ऑडियो खूब वायरल हो रहा है। वायरल हो रहे ऑडियो में कोतवाल पवन सिंह पुलिस का पावर बताते हुए पत्रकार से कह रहे है मुकदमा दर्ज हो गया है अब गिरफ्तारी भी होगी। कोतवाल के मुह से अपनी गिरफ्तारी की बात सुन पत्रकार राव ने कहा धमकी दे रहे हैं क्या इंस्पेक्टर साहब! इस पर कोतवाल पवन कुमार सिंह हंसते हुए बोलते है। नहीं... धमकी नहीं दे रहे, बता रहे हैं कि मुकदमा दर्ज हुआ है तो गिरफ्तारी भी होगी। ऑडियो में कोतवाल पवन सिंह का कहना है कि जो मुकदमा लिखा गया उसमें गिरफ्तारी होनी ही है, और गिरफ्तारी से बचे तो चार्जशीट लगेगी। अखिलानंद पूछता है जांच मे मेरे ऊपर लगे आरोप साबित करेगे न।.... इंस्पेक्टर - कुछ साबित नही बस चार लाइन बयान लिख दिया साबित हो गया चार्जशीट लग जाती है विवेक जो लिख दिया वही सुप्रीम कोर्ट तक मान्य होगा। ऑडियो में पवन सिंह यह भी कहते हुए सुने जा सकते हैं कि वो तो विवेचक को तय करना होता है कि मुलजिम कौन है...? अब मुलजिम साबित करे कि वो मुलजिम है कि नहीं। इसी बीच अखिलानंद ने कहा ठीक है इंस्पेक्टर साहब अब मुकदमा दर्ज हो गया है तो जमानत होगी तभी कोतवाल बोलते है अभी और मुकदमा दर्ज होगा। पटहेरवा से कोई सहारा का है, एक कोई और है वह भी मुकदमा दर्ज करा रहा है। तभी अखिलानन्द कोतवाल से कहता है कि आपकी पुलिस है आपका दरोगा वादी है, आपकी जीडी है तो आप जिसके खिलाफ चाहें मुकदमा लिख दीजिये.... इस पर कोतवाल पवन सिंह कहते है यही तो पावर है यही पुलिस की पावर है, इसी को कहते हैं पावर। अखिलानन्द - फिर पूछता है इसका मतलब आप किसी के खिलाफ फर्जी कुछ भी लिख सकते है....... इंस्पेक्टर हा कुछ भी लिख सकते है पुलिस चाह दे तो राष्ट्रपति के खिलाफ भी मुकदमा लिख दे, पुलिस अपने पर उतर जाए तो कुछ भी कर सकती है बहुत पावर है पुलिस मे, वन मैन आर्मी है पुलिस। कोतवाल श्री सिंह आगे कहते है आपसे की बार मना किया गया कि पुलिस के खिलाफ कुछ मत लिखिये लेकिन आप नही माने कह रहे है बगावत का बिगुल फूंक दिये है, अब देख लिए न। भ्रष्टाचार खत्म करने का ठेका आप ही ले रखे है क्या?
🔵 संगठन ने किया मजिस्ट्रेटी जांच की मांग
पुलिस प्रशासन द्वारा पत्रकार अखिलानंद के खिलाफ अलग-अलग थानो मे मुकदमा दर्ज कर की गयी गिरफ्तारी को पत्रकार संगठन ने पुलिसिया साजिश बतलाया है। उ0 प्र0 श्रमजीवी पत्रकार यूनियन ने जनपद के पुलिस प्रशासन के इस षड्यंत्रकारी कार्य प्रणाली की निंदा की है। संगठन ने मुख्यमंत्री, पुलिस महानिदेशक व प्रेस काउंसिल आफ इण्डिया को पत्र भेजकर खबरो से क्षुब्ध होकर कुशीनगर पुलिस द्वारा पत्रकार अखिलानंद के साथ किये गये षड्यंत्रकारी कार्रवाई की मजिस्ट्रेटी जांच कराने और दोषी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है।