मोदी सर्कार की कृपा और प्रकोप से अब ऐसे होंगे फ़िल्मी डायलॉग....प्याज कोई खेल नहीं!बढती प्याज की कीमतों के हिसाब से जल्दी ही फिल्मो के डायलाग इस प्रकार के होंगे !मुलाहिजा फरमाईये।~~~~~~~~~~~~मेरे करण अर्जुन आयेंगे;और दो किलो प्याज़ लायेंगे. . .ये ढाई किलो के प्याज़ जब आदमी लेता है ना;तो आदमी उठता नहीं उठ जाता है. . .मेरे पास बंगला है गाडी है बैंक बैलेंस है रुपया है पैसा है, तुम्हारे पास क्या है?मेरे पास प्याज़ है!भाईजिनके घर प्याज़ के सलाद होते हैं;वो बत्ती बुझा कर खाना खाते हैं. . .चिनॉय सेठ, प्याज़ बच्चों के खेलने की चीज़ नहीं होती;कट जाए तो अांखों से आँसू निकल आते हैं. . .मैं आज भी फेंके हुए पैसे नहीं उठाता साहेब;प्याज़ हो तो अलग बात है. . .लगता है सब्जी मंडी में नए आये हो बरखुरदार;सारा शहर मुझे प्याज़ के नाम से जानता है. . .11 राज्यों की सरकार मुझे ढूंढ़ रही है;पर प्याज़ को खरीदना मुश्किल ही नहीं,नामुमकिन है. . .ये दोनों प्याज मुझे दे-दे ठाकुर। . . .तुम्हें चारो तरफ से पुलिस ने घेर लिया है गब्बर;अपनी सारी प्याज कानून के हवाले कर दो. . .