. कब कहा था तुने जाना है
फिर लौट नही घर आना है
तु देती थी उम्मीद जगा
मायूसी में भी रौनक ला
आज घर तेरा सुनसान है
. अब ना मेरी कोई पहचान है
तु थी तो मै भी जिंदा थी
अब जिन्दगी मेरी वीरान है
अब जिन्दगी मेरी वीरान है
प्यारी बेटी लौट आ प्यारी बेटी लौट आ