मातृत्व ये शब्द इतना मधुर है की इस शब्द का अर्थ माँ का
अपने पुत्र के प्रती प्रेम को दर्शाता है ,
बात उस समय प्रारंभ होती है जब सावन भादों
का महीना आता है एक सुन्दर झोपड़ी में एक छोटा
सा प्यारा परिवार निवास करता है ,,, मानो पूरी दुनिया (ब्रह्माण्ड) रहता हो उसमे पिता मानो सुर्य का उजाला हो और माँ एक चांद जैसे घर में चांदनी छाई ओर ओर उनके पुत्र मानो उन
दोनो की आंखो के तारें हो , ओर उनके पुत्रों को भी लगता की
सुर्य ओर चंद्रमा ही उनके जीवनी मे उजाला ओर प्रकाश ला सकते
मेरी ये कहानी माँ पिता को समर्पित
जब में रात्री को सोने के लिए अपने स्थान पर जाता हूँ तब उस समय सावन भादों का महीना ओर टपकती छत
बारिश की वो बुंदे ओर कीट पतंगे जब पनपते तो तब वो बारिश थमने के बाद नया जीवन पाकर अपने पंख फैला कर विचरण करते है ,
तब माँ कहती है मेरे लाल तुम संभल कर ध्यान से सोना नही तो तेरे कानो मे छोटे जीव चले जायेंगे तू मेरी चुनरी ले ओर अपने कानो ओर मुहँ को ढक ले उसके पश्चात तुम आराम से सो जाओ
ओर में उस समय दुनिया को समझने लगा मेरा अर्थ है की में व्यस्क होने लगा था तब भी उस माँ को मेरी इतनी चिंता ये प्रेम
मातृत्व उस माँ का अपने बच्चो के प्रती
तुम सो जाओगे तो में सो पाऊँगी मेरे बच्चे
"" माँ बाप बस लेखक की दुनिया ओर पूरा संसार है
सुर्य ओर चांद एक दंपति
तारे वो दोनो पुत्र उन दोनो दंपति की एक एक नैन है
#माँ बाप
लेखक हेमंत कुमार 🙏🙏