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"निर्मल काव्य-सौरभ"

Nirmal

65 अध्याय
1 लोगों ने खरीदा
8 पाठक
16 जून 2022 को पूर्ण की गई

"निर्मल काव्य-सौरभ" में सामाजिक जीवन के बदलते परिवेश, प्रेम की परिकल्पनाएं, एवं जीवन के गहन अनुभवों को शब्द रुपी मोतियों में पिरोकर,उन्हें श्रृंखलाओं में सृजन कर ,राग-माधुर्य के साथ मालाओं का नव सृजन कर ,प्रिय पाठकों को समर्पित करने का एक उत्तम प्रयास किया गया है । पाठकों का प्रेम एवं स्नेह इन काव्य मालाओं को स्वीकार कर, हमें अनुग्रहित करने का अवसर,अवश्य प्रदान करेंगे । 

quot nirmal kavya saurabh quot

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पुस्तक के भाग

1

"मुस्कुराहट ही हमारी, जिन्दगी की शान है।"

23 मई 2022
1
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1

मुस्कुराहट ही, हमारी जिंदगी की शान है । मुस्कुराहट के बिना, सचमुच जिन्दगी बेकार है ।जिसने जिन्दगी में मुस्कुराना, सीखा नहीं । सचमुच उसको जिन्दगी, जीने का,

2

"मेरे दर्द को, कोई नहीं समझता।"

23 मई 2022
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मेरे दर्द को, कोई नहीं समझता । सिर्फ कान्हा ही, दूसरों के दुख-दर्द को समझता है ।याद जो किया, मुरली वाले को । उन्होंने खामोशी भी पढ़ ली,इशारों में ।आज कान्हा का प्यार, प

3

"मुझ कली पर, क्यूं , रहम न आयी ?"

23 मई 2022
0
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0

मुझ कली पर, क्यूं , रहम न आयी ? क्यूं , मेरे साथ हुई ,ये बेवफाई ?पल भर में, उजाड़ दिया हमको । टहनियों व पत्तियों से, नाता तोड़ दिया पल भर में ।बेहाल

4

"इनसे कुछ, क्यूं , नहीं सीख पाता मनुष्य?"

23 मई 2022
0
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जिन सघन पेड़ों के नीचे बैठकर,इक दूसरे की खैरियत पूछी जाती थी । आज इन पेड़ों के नीचे, वीरानियत, क्यूं है ?शायद, अब एक दूसरे को, किसी की चिंता न रही । &nbs

5

"ऐसे,घर हैं, स्वर्ग सम, जिसमें प्यार, बसे निस्वार्थ।"

23 मई 2022
1
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पिता पुत्र के साथ हो,पुत्र पिता के साथ । इस कलयुग में हो गये, दुर्लभ, ये विचार ।पुत्र मस्त,गर्ल फ्रेंड संग, पिता पाले, ब्यभिचार । इस कलयुग में, दिखते हैं, ऐसे, आ

6

"जिन घरों में, बेटियों का वास है।"

24 मई 2022
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इन बेटियों की मुस्कुराहट ही, हमारे घरों की शान है । इन बेटियों के सपने ही, हमारे जीवन की शान है ।बेटियां, आज बेटों से, कहीं, कम नहीं । उनके हौंसले, हमारे

7

"हम किन्नर हैं।"

24 मई 2022
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हम किन्नर हैं । हमारी भी, अपनी भावनाएं हैं ।कुछ हमारे जीवन में भी, प्रेम की, सम्भावनाएं हैं ।दुनिया हमें, याद करें न करें । खुशहाली के अवसर पर

8

"मेरे प्यारे सतगुरु"

24 मई 2022
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श्री गुरु चरण सरोज में, नत मस्तक सौ बार । इनकी अतुलनीय कृपा से, विघ्न न आवें पास ।सतगुरु की रहमत से, चहुं दिशि हुआ, प्रकाश । मन अंधियारा मिट गया, जब ज्ञान का दिया, प्रकाश ।मेर

9

"तुम्हें , उस अतीत की, याद दिलाती हूं।"

24 मई 2022
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तेज चमकती रोशनी की, चकाचौंध में, क्यूं , भूल गये, मेरी कद्र ऐ ! जमाने वालों ?मैं खुद में , इक कद्र हूं । सुन लो, ऐ ! जमाने वालों।आज भी अपनी हिम्मत

10

"इक नया, दर्द दे जाते हैं।"

24 मई 2022
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अतीत की खिड़कियों से, चुपचाप यादों के, मुसाफिर आते- जाते हैं । कुछ, इक नया, दर्द दे जाते हैं ।तो कुछ, दिल को खुश कर जाते हैं । ये अतीत की खिड़की भी, बड़ी अजीब है ।चुपचाप

11

"सुखद एहसास , कब हो पाता है?"

24 मई 2022
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सुखद एहसास, कब हो पाता है ? जब कोई, मुस्कुराता नजर आता है ।सुखद एहसास, कब हो पाता है ? जब कोई आसमां की , बुलंदियों को, छू जाता है ।सुखद एहसास, कब हो पाता ह

12

"जख्मी मुस्कुराहट "

24 मई 2022
1
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2

इन मुस्कुराहटों का, कोई मोल नहीं है । मुस्कुरा कर, कितनी, खुशियां बिखेर देती हैं ।सचमुच गमों को हमसे, पल भर में, छीन लेती हैं । इन मुस्कुराहटों पर, हो निसार, कितन

13

"कितना सुन्दर है , ये जहां।"

25 मई 2022
1
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2

कितना सुन्दर है, ये जहां । सुन्दरता चारों तरफ , नजर आती है ।इस सुन्दरता के आगे, हमारी मानवता, शर्मा जाती है । इंसानियत भी अगर, इन फूलों की तरह ,मुस्कुरा जाती।तो इस दुनि

14

"प्यार न करती, इस बेवफा जमाने में"

25 मई 2022
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1
2

ये नैना , सैलाब बन गये,किसी के इंतजार में । वो नहीं आये , शायद गुम हो गये, किसी के प्यार में ।दिल की चाहत, आंसुओं में, उमड़ आयी है । इसीलिए, आज ये नजरें, समुन्दर

15

"खुद की सेल्फी , लेने से बेहतर है "

25 मई 2022
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खुद की सेल्फी, लेने से बेहतर है । खुद को ऐसा बना लो, कि जमाने वाले, सेल्फी लें, तुम्हारे साथ ।खुद की सूरत, आईने में, निहारने से बेहतर है । कुछ ऐसा कर जाओ,

16

"बिखरकर टूटी नहीं"

25 मई 2022
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बिखरकर टूटी नहीं , मैं आज भी उनसे, प्यार करती हूं । ये सच है, कि मैं उनका, आज भी इन्तजार करती हूं ।दिल में हैं,गमों के आशियाने , फिर भी चेहरे पर मुस्कान रखती हूं । अगर

17

"हीर-रांझा के प्रेम जैसी, जागीर कहां रही?"

25 मई 2022
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क्यूं ,प्रेम दुनिया में, राधा-कृष्ण, सा, हो नहीं पाता ? क्यूं , आधुनिक प्रेम में, रुह का रुह से, मिलन हो नहीं पाता ?आज का प्रेम, क्यूं , वासना की देहलीज पर ठिठक जाता है ? &nbs

18

"सिर्फ सूती कफ़न में, लिपटा नजर, तू आयेगा "

26 मई 2022
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कितने कारवां उजड़ गये, बस्तियां सिमट गयी । समय के निर्दयी, काल चक्र में ।फिर भी क्यूं , डूबा है , मानव,तू अहं के भ्रम जाल में ? तेरी शानो-शौकत, और खजाने काम न, आ पायेंगे ।अंत

19

"दो घरों को, रोशन करती है।"

26 मई 2022
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कोई कहता है,बेटी परायी, अमानत है । मेरे लिए, तो बेटी,घर की, जगमगाहट है ।दो घरों को रोशन करती है, इस जहां में । सचमुच बेटी, हमारे दिलों की अमानत है ।

20

"ये मुस्कुराहट भी, घायल हैं, बेहद।"

26 मई 2022
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मेरे मुस्कुराने में, मेरा ग़म भी शामिल है । जमाना समझता है, मैं खुशहाल हूं, बेहद ।लेकिन कोई क्या जाने, ये मुस्कराहट भी, घायल हैं, बेहद । जमाने की सोच, हकीकत से, प

21

"शायद इन्हें, देखकर,क्रूर भाग्य शर्माता नहीं।"

26 मई 2022
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क्यूं , अब कलयुग के, इस जमाने में, दुवाओं का असर न रहा ? क्यूं , कुबूल होती हैं, उनकी दुवाएं,जिनका अपना कोई, जमीर न रहा ? क्यूं ,अच्छों के साथ, बुर

22

"सभी के दिलों की, शान रहे"

26 मई 2022
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कितना प्यारा, ये जीव, मेरे मन को भा गया । इसका नाम है, चीकू, ये मेरे दिल में उतर गया ।इसे देखें बिना,मुझे चैन कहां आता है ? इसकी प्यारी हंसी से, मेरा दिल

23

"मैं आईना कभी, झूठ बोल पाता नहीं"

27 मई 2022
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मैं आईना कभी, झूठ बोल पाता नहीं । जो कुछ मेरे सामने हो, वहीं बयां कर देता हूं ।लोग खूबसूरती को मेरे सामने, निहारकर खुश हो जाते हैं । मुझे अपना गवाह, बनाकर, इठलात

24

"खुश रहिए।"

27 मई 2022
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खुश रहिये ।जनाब ! इन फूलों की तरह । जिंदगी, गुजारिये, इन महकते, फूलों की तरह ।देखिए, श्वेत वर्ण पुष्प को । जिसने लालिमा,अपना ली है ।लाल कलियों की ।

25

"कांटों में रहकर, भी मुस्कुरा देता हूं।"

27 मई 2022
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कांटों में रहकर, भी मुस्कुरा देता हूं । अपनों से हिलमिल कर,कुछ कह लेता हूं ।अपनों को ज़िन्दगी, बसर करनी है । इन्हीं कांटों के साथ ।इसी ख्वाब से, जी भरकर हंस लेता हूं ।

26

"क्यूं , इंसा की इंसानियत, मुस्कुराती नहीं ?"

27 मई 2022
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काश ! इन फूलों सा प्रेम, पनप जाये, जग में । लोग एक दूसरे से गले लग जाये, जग में ।इंसा में, प्रेम पनप जाये, इस जग में । तो इस धरती पर, स्वर्ग उतर आये, सचमुच में ।ई

27

"उन्हें, गले लगाते चलिए, जनाब!"

28 मई 2022
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बचपन प्रकृति के,प्रेम में गुजर जाता है । किशोरावस्था तक,कापी-किताब का बोझ सताता है ।यौवन, युवा प्रेम में,तथा मंजिल को चुनने में चला जाता है । तब प्रकृति का प्रेम

28

"क्या,, दुनिया का रहता यही है,अब फ़साना?"

28 मई 2022
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क्यूं , तोड़कर, बिखरा दिया है, यार ! मुझको । मैं भी सजा था, डाल पर, तुम याद कर लो ।अरमान था मेरा, कि मैं, चरणों को, छू लूं । अपने वतन के वास्ते, जो चल पड़ा हो ।कुर्बान

29

"प्रेम में, इबादत नजर आती"

28 मई 2022
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राधा-कृष्ण की सुन्दर जोड़ी, मेरे मन भायी है । प्रेम छवि दर्शन कर, मेरे मन में, उमंग छायी है ।काश ! ऐसा प्रेम, प्रेमियों की रुह में, उतर जाये । उन्हें सच्चे प्रेम की, परिभाषा

30

"ये आंखें खुलें, या न खुलें "

28 मई 2022
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कांटों के साथ, रहता हूं, फिर भी मुस्करा लेता हूं । गमों के दौर में जीता हूं, फिर भी हंस लेता हूं ।ये ज़िन्दगी है, जनाब ! हंसना तो, पड़ता ही है । रोने से, किसी को कुछ, हासिल नही

31

"कुछ जीने का, अंदाज़ बता जाती हैं।"

29 मई 2022
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मुस्कुराहटें भी बहुत कुछ, कह जाती हैं । कुछ जीने का अंदाज़, बता जाती हैं ।तो कुछ गमों को, छुपाना सिखा जाती हैं । इन्हीं मुस्कुराहटों पर, न जाने कितने निसार हो गये ।न जाने कित

32

"काश ! इस पक्षी की तरह , उड़ पाता, आसमान में।"

29 मई 2022
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काश ! इस पक्षी की तरह, उड़ पाता, आसमान में । हौंसले , साकार हो पाते,मेरे, इस दुनिया के, इम्तहान में ।जमाने की फितरत है, हौंसलों को गिराने की । हमारी भी फितरत है, जमाने में कु

33

"पल भर में मनुष्य, रंक से राजा हो जाता है।"

29 मई 2022
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प्रेम की श्रेष्ठता , सच्ची भक्ति में, नजर आती है । प्रेम की श्रेष्ठता में, बांके बिहारी की भी,कृपा दृष्टि हो जाती है ।मीरा के प्रेम के आगे, बिहारी की नजर भी, नतमस्तक हो चली ।

34

"सूखी मिट्टी में भी, प्रेम पनप जाता है।"

29 मई 2022
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सुन्दरता,अनेक रंग रुपों में, विकसित नजर आती है । कुदरत की कारीगरी, हर इक चीज़ में मुस्कुराती है ।सुन्दरता का कोई, इक, रुप नहीं होता । सचमुच, प्रेम का, कोई इक स्

35

"नफ़रत हमेशा, नफ़रत से पनपती है।"

30 मई 2022
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अनगिनत कलियां, खिल उठीं, इस जहां में । प्रेम का संदेश दे गयीं, इस जहां में ।प्रेम से मिलजुल, रहने में भलाई है । एकता से ये, दुनिया हमेशा, जीत पायी है ।तित

36

"शीरत का आधिपत्य, सूरत पर होता है।"

30 मई 2022
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दो युगल प्रेमी, प्रेम में डूबे, नजर आ रहे हैं । कुदरत की कारीगरी को, निहारते, नजर आ रहे हैं ।इन्हें दुनिया की बातों का ,कोई फ़र्क नहीं । ये तो अपने प्रेम में, मतवाले, न

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"श्रेष्ठ मानव, तुम ही हो।"

31 मई 2022
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काम कुछ, ऐसा करें । जयकार हो, चहुं ओर, ये ।श्रेष्ठ मानव, तुम ही हो । उज्जवल धरा, प्रकाश तुम ।सूर्य किरणों, की तरह । हर लो धरा का,तम तुम्हीं ।यूं तो, जगत में

38

"पर काश ! मुझे, जमानत न मिले।"

31 मई 2022
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ऐ ! राधारानी, तेरे प्रेम के आगे, नतमस्तक हो गया, सम्पूर्ण जगत । मैं तो बस तुम्हारे, चरणों की, भक्ति चाहता हूं ।सचमुच, मैं तुम्हारे, चरणों में, आजीवन कैद, चाहता हूं । कि

39

"अब मैं, कोई दलील देकर, जमानत नहीं चाहता हूं।"

2 जून 2022
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ऐ ! सांवरे, तेरी मोहिनी मूरत, मेरे दिल में, बस गयी । हर घड़ी, इस दिल में, सिर्फ तेरी यादें रह गयीं ।जिधर देखता हूं , बस तू ही तू , नजर आता है । मै

40

"हरपल मेरे दिल में, तू यूं ही, मुस्कुराता रहे।"

2 जून 2022
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ऐ ! मुरली वाले, तू हर जगह नजर आने लगा । अब तो तू , मेरे मन में, हरपल मुस्कराने लगा ।बावला हो चला हूं , तुम्हारे प्यार में । या, कोई झूठा वहम है , हमें ।क्यूं , हर जगह त

41

"मुझे आगोश में लेकर, क्यूं , चुम्बन लिया करती हैं ?"

4 जून 2022
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बिखर गये सपने, ख्वाहिशें मिट गयी जीवन की । फिर भी जिन्दगी, जीता हूं, कुछ नयी , उम्मीदों के साथ ।शायद कुछ नया हो जाये, नयी उम्मीदों के साथ । हौंसलें परस्त होते हैं, फिर भी हौं

42

"खता इनकी, कुछ भी नहीं।"

4 जून 2022
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ये आंखें , सब कुछ देखती हैं । खुशी हो या ग़म, सब कुछ झेलती हैं।खता इनकी, कुछ भी नहीं । फिर भी सजाएं, हकदार क्यूं , बनी रहती हैं ?किसी से, मोहब्बत करके । &

43

"उन्हें हर पल डराती है, ये जिन्दगी।"

7 जून 2022
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पानी के बुलबुले की तरह है , ये जिन्दगी । फिर भी खूबसूरत, नजर आती है ।जो जिन्दगी का हर लम्हा, हंसकर बिताते हैं । उन्हें वाकई में, जिंदगी, हंसी नजर आती है ।जो उदासियों मे

44

"तेरी मोहब्बत में, बेहाल हो चुका हूं।"

7 जून 2022
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इन खूबसूरत वादियों में, तेरा साथ हो । तो मेरे दिल को, इक नयी खुशी का एहसास हो ।तेरा साथ हो, तो रेगिस्तान में भी, फूल खिल जाते हैं । तेरा साथ न हो, तो बहार

45

"तुमसे मिलने की हसरत का, आदी अभी हूं।"

8 जून 2022
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तेरी किरणों से रोशन है, सारा जहां । तुझ बिन जिन्दगी है, सम्भव कहां ?तू उजाला न दे, अंधियारा रहे । सारे जहां, को करता, तू रोशन यहां ।अंधकार का

46

"तू कालों का काल, महादेव है।"

8 जून 2022
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तू कालों का काल, महादेव है । तू ही सृष्टि का रचयिता, जगत का संहारक है ।तेरी कृपा दृष्टि से, यमराज भी भयभीत हैं । तू अगर चाहे, तो प्राणों को बचा सकता है ।तू अपनी

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"शायद मेरे दिल की, खूबसूरती मुस्कुराती है।"

8 जून 2022
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प्रकृति ने सुन्दरता, बिखेर दी है, जमाने के लिए । जमाना क्यूं , निरुपाय हो चला, सुन्दरता निहारने के लिए ?काश ! सुन्दरता को संजो लेता, मानव मन में । तो दुनि

48

"कोई बता दें, मेरी खुशियों का क्या हुआ ?"

8 जून 2022
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आज ये आंखें, उम्र कैद की, सजा सुना ही गयी । प्यार करने का, कोई इरादा न था ।फिर भी प्रेम की चेतना, दिल में, जगा ही गयी । सुबह शाम खोजता हूं, इन्हीं निगाहों को ।का

49

"जब उसका, दीदार न हो।"

9 जून 2022
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कीचड़ में भी, सुन्दर फूल खिल सकता है । हमारे सूखे ह्रदयों में भी, प्रेम पल सकता है ।सिर्फ जरुरत हे, प्यार की परिभाषा समझने की । मैं तो कहता हूं, बं

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"सुन्दरता , तो प्यार की देवी है।"

9 जून 2022
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इस सुंदर जहां में, इक बात नज़र आती है । कभी-कभी , कीचड़ में भी, सुन्दरता निखर आती है ।सुन्दरता,पलती है,केवल सुन्दर, आशियानों में। &n

51

"आज ईमान, नीलाम हो चला है।"

9 जून 2022
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आज ईमान, नीलाम हो चला है । हमें इस जमाने में, क्यूं , झूठ से प्यार हो चला है ?किसी की बात का वजूद, इस जमाने में न रहा । अब गमों को भुलाने का इलाज, म

52

"तुम मेरी इबादत की,इक सुन्दर प्रतिमा हो।"

10 जून 2022
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तेरी खूबसूरती के आगे, आज चांद भी शरमा गया । तुम्हारी कातिल निगाहों से, आज मेरी आंखों में, खुमार आ गया ।रोज देखता हूं, तुम्हें, गली के मोड़ पर, मुड़ते हुए । &nbs

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"क्यूं , हम निस्सार समझते हैं, जीवन के अपनत्व को ?"

10 जून 2022
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ये पक्षी सिखा रहे, हमें संगठन के महत्त्व को । हम क्यूं , भूल चुके हैं, एकता के सत्य को ?एकता हमें, शक्ति का वरदान दे जाती है । सचमुच, एकता

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"हौंसले बुलंद हैं,पर राह कठिन है।"

11 जून 2022
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हौंसले बुलंद हैं, पर राह कठिन है । सुन्दर सुबह है, पर भटकाव बहुत हैं ।न अपनों का, कोई साथ है, न हमसफ़र कोई । फिर भी निकल पड़ा हूं, है, डर नहीं, कोई

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"मेरी मोहब्बत में, क्या, उनको रास आया नहीं ?"

14 जून 2022
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संदेश प्रियतम तक भेजने को, आगाह कर रही हूं । कोई संदेश न आया, इसीलिए बेताब हो रही हूं ।इक प्रेम जगाकर, कोई खबर, क्यूं न ली ? इस तरह बेरुखी से, उन्होंने नजरें, क्

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"आंखों में, मेरे बस गया, अब ढूंढना कहां ? "

14 जून 2022
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दुनिया के रिश्तों पर, यकीन न रहा । कान्हा के प्यार पर, यकीन हो चला ।जिन्दगी की भीड़ में , अकेला था बहुत । कान्हा के प्यार पर, भरोसा है, बहुत ।मुश्कि

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"कभी-कभी अपशकुनों में भी, नजर आता फलीभूत हूं।"

14 जून 2022
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कहना कुछ और चाहता हूं, मुंह से निकल जाता, कुछ और है । कभी-कभी गुस्सा करना चाहता हूं, पर लरज आता, प्रेम है ।कभी-कभी शिकायतें करने का, मन हो जाता है, पर दर्शा जाता सहानुभूति हूं ।&nbs

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"निशब्द हो, इंसान सब कुछ ,कह देता है, भाव से।"

14 जून 2022
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मूक वह, वशीकरण, जो पास ले आता है । वाद-विवाद, तो केवल, दूरी को दर्शाता है ।निशब्द हो, इंसान सब कुछ कह देता है, भाव से । प्यार पुष्पित हो ह्रदय में, झलकता है, आंखों के

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"अमरत्व का विचार,ह्रदय में न कभी लाइये।"

15 जून 2022
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योग करके, निरोग हो जाइये । निरोग होकर, अपनी शक्ति को बढ़ाइये ।शक्ति सम्पन्न हो, अहं को मत लाइये । अहं पालकर, किसी और को, न सताइये ।जिन्दगी में शक्ति सम्पन्न भी, विनाश हो गये ।&

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" कयामत में भी, तुम्हारे प्यार को, दिल में छिपाता रहूं।"

15 जून 2022
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इन फूलों की तरह हंसी ,क्यूं लगता है, तुम्हारा प्यार ? जब से तुम्हें चाहा है, क्यूं हो गया है, अजीब मेरा हाल ?करवटें बदल-बदल कर, रातें कट जाती हैं । नींद मेरे दिल पर, तुम्हारा

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"प्यार की दीवानगी में, मैं रम चली।"

15 जून 2022
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तेरी मुरली की धुन पर, मैं बावली हो चली । तुझ बिन कुछ रास न आये, मैं तो अब, दीवानी हो चली ।लोक-लाज, मर्यादा, कुछ न रास आया, हमें । हर पल तेरे प्रेम ने, बावला बनाया, हमें ।प्या

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"सुन्दर सुबह,मन भा गयी मुझको।"

16 जून 2022
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सुन्दर सुबह, मन भा गयी मुझको । इक नया संदेश, दे गयी मुझको ।नया है, सवेरा, नयी आश हो । अच्छे कर्मों की जीवन में, सौगात हो ।चंद दिन का जीवन है, चंद दि

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"इसीलिए, मैं मशहूर हूं, जीवन में।"

16 जून 2022
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मैं परछाई, वफ़ा की जीती-जागती मिसाल हूं । कोई हमसफ़र साथ न हो, फिर भी, मैं, वफादार हूं ।लोग साथ छोड़ जाते हैं, मुसीबत में । हम हमेशा साथ रहते हैं, मुसीबत

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"मैं संत नहीं, कबीर नहीं।"

16 जून 2022
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मैं संत नहीं, कबीर नहीं । फिर भी कुछ, कहना चाह रहा ।कुछ मूल्यवान शब्दों की, लड़ियां अर्पित करना चाह रहा । जीवन में, अपने कर्मो का, रहता है, अस्तित्व बड़ा ।कुछ कर्मों से जग में

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"दुनिया तो रंग-बिरंगों में है, अपना यौवन खोज रहा।"

16 जून 2022
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मैं श्वेत पुष्प बन, धवन नवल, दुनिया की चितवन खोज रहा । क्यूं नहीं , निहारता जग है, मुझे, भौंरे सा यह जग खेल रहा ?दुनिया तो रंग-बिरंगों में, है, अपना यौवन खोज रहा । &nb

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