"निर्मल काव्य-सौरभ" में सामाजिक जीवन के बदलते परिवेश, प्रेम की परिकल्पनाएं, एवं जीवन के गहन अनुभवों को शब्द रुपी मोतियों में पिरोकर,उन्हें श्रृंखलाओं में सृजन कर ,राग-माधुर्य के साथ मालाओं का नव सृजन कर ,प्रिय पाठकों को समर्पित करने का एक उत्तम प्रयास किया गया है । पाठकों का प्रेम एवं स्नेह इन काव्य मालाओं को स्वीकार कर, हमें अनुग्रहित करने का अवसर,अवश्य प्रदान करेंगे ।
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