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"निर्मल काव्य मधु-रस"

Nirmal

114 अध्याय
0 लोगों ने खरीदा
30 पाठक
21 मार्च 2022 को पूर्ण की गई

मैं जीवन के वास्तविक अनुभवों को, कलम रुपी लेखिनी के द्वारा शब्दों के मोतियों को अनुभव रुपी धागे में पिरोकर एक निर्मल माल्यार्पण पाठकों को करना चाहता हूं । सर्वप्रथम पाठकों को सम्मान प्रदान करते हुए , मैं उन्हें जीवन की वास्तविकताओं व गूढ़ रहस्यों से अवगत कराना चाहता हूं। ताकि जीवन की वास्तविकताओं को समझकर,वे अपने जीवन को एक उचित आचरण प्रदान कर सके। मुझे आशा ही नहीं,वरन पूर्ण विश्वास है,आप लोग अपना अमूल्य सहयोग देकर मुझे उचित स्तर प्रदान कर ,सह्रदय आभार का अवसर प्रदान करेंगे । 

quot nirmal kavya madhu ras quot

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बहुत सुंदर रचना है गुरु जी 👌👌❤️

पुस्तक के भाग

1

"दुनिया को परखने का अंदाज"

22 फरवरी 2022
7
2
0

"हूं पराजित मैं नहीं, फिर भी पराजित मानता हूं ।होंठों पर मुस्कान है,पर दर्द जख्मों का जानता हूं ।जो भी गुजरा पास से, मुझको लुभाने के लिए ।मैंने समझा है मसीहा,मेरे जख्म पर, मरहम लगाने के लिए ।सूरतों पर

2

"मेरी बेवफा प्रियतमा "किस्मत "

22 फरवरी 2022
1
0
0

"इक ज़ुस्तज़ूं थी,तुम्हें पाने की । हर पल तमन्ना थी, तुमको गले से लगाने की ।पर न जाने किस बात पर, तुम रूठ गयी । मेरी ख्वाहिशें ,पल भर‌ में टूट गयीं

3

"मेरे जख्मों का मरहम "

22 फरवरी 2022
2
0
0

"आज खुशियों से ,मेरा दिल क्यों, बेजार हो चला ? मुझे ज़िन्दगी में क्यों, बेवफाओं से प्यार हो चला ?इक सहमी सी जिंदगी है,वफ़ा के नाम से डर लगता है । मेरी पीठ पर वा

4

"वफ़ा का तलबगार"

22 फरवरी 2022
2
1
0

चला था इश्क के आंचल में,आंचल पा न सका । चला था दूसरों से मन बहलाने,कोई वफ़ा पा न सका ।जो दिल के कोने में बसा था, वो अपना हो न सका ।रात के आगोश में,जो मधुर स्वप्न था,वो सच हो न सका ।क्यों

5

" जख्मी मुस्कराहट"

22 फरवरी 2022
3
3
0

मुस्कुराने की कोई वजह नहीं, फिर भी मुस्कुराता हूं ।दिल में जख्मों का, कोई हिसाब नहीं, &nbsp

6

"मोहब्बत की इबादत"

22 फरवरी 2022
2
0
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इक बार मिल लूं, उनसे कजा से पहले । उनसे मिलने की तमन्ना है, खुदा से पहले ।खुदा नाराज न हो जाये,इस बात से मैं डरता हूं । इसीलिए, मैं खामोश हो,खुदा से तेरी मांग करता हूं।

7

"बेदर्द- मोहब्बत"

22 फरवरी 2022
0
0
0

उनसे बिछुड़ने का ग़म ,मुझको सताता रहा । मोहब्बत की इबादत में ,खुद को लगाता रहा ।फिर भी अंजाम, कुछ हाथ,आया नहीं । दिल पर बरछियां चली, फिर भी खुदा शरमाया नहीं । &nb

8

"मैं नि:शब्द हूं"

22 फरवरी 2022
1
1
0

मैं मूक नहीं, फिर भी क्यूं , नि: शब्द हूं । शायद, मैं प्रेम-जाल में बंध हूं ।कहना चाहूं बहुत कुछ, फिर भी क्यों निर्बुद्ध हूं।आलोचना -समालोचना, मुझे आती नहीं ।सीधा-साधा जीवन जीता हूं । इसील

9

"प्रेम-भीनी समालोचना"

23 फरवरी 2022
1
0
0

तुम मेरी कहानी का इक हिस्सा हो । सुख दुःख में साथ रहे ।उसका इक किस्सा हो ।कितने साल गुजर गये,जुस्तजूं करते-करते।हर रोज गुजरा है, गुफ्तगू करके । अब इक नया शहर बहाना होगा ।जिसम

10

"जमाने का अंदाज"

23 फरवरी 2022
3
0
0

जिन्दगी में नसीहत देने का अंदाज , जमाने का है ।दर्द में गाफिल पर, हंसने का रिवाज, जमाने का है ।ज़मीं पर गिरे हुओं को ,उठाने का अंदाज ,

11

"कुदरत का रहमो-करम"

23 फरवरी 2022
1
0
0

वो गले क्या लगे, जिन्दगी मिल गयी । मेरे मुरझाए दिल की, कली खिल गयी ।उनसे मिलने की चाहत थी , दिल में बसी । आज ख्वाबों की तस्वीर,सच हो‌ गयी ।उनका मिलना तो बिल्कुल,

12

"मासूम- इन्तजार"

23 फरवरी 2022
0
0
0

दिल महकता रहा,शाम ढलती रही । उनकी राहों पर ,नजरें भटकती रहीं ।इन्तजारों की घड़ियां,भी गाफिल हुई । वो न आये,ये अंखियां तरसती रहीं।रात आने पर , अंखियां छलकने लगीं ।नीर बनकर ,जो

13

"होंठों पर नकली तबस्सुम"

23 फरवरी 2022
0
0
0

कम पड़ गये शब्द,दर्द का बयां करते -करते । होंठ सिल गये दर्द की दास्तां कहते -कहते ।फिर भी जो कहना था,कह नहीं पाये। हकीकत है ,दर्दे- दिल बयां कर नहीं पाये

14

"ज़ालिम -जमाने का दस्तूर"

23 फरवरी 2022
0
0
0

ज़ालिम जमाने का दस्तूर अलग है । दूसरों के घरों में, झांकने का उसूल अलग है ।राज जाना चाहते हैं, मैं महफूज हूं, कैसे ? जमाने की गर्दिशों में, मशहूर हूं, कैसे ?अपनी

15

"आखिरी- सौगात "

23 फरवरी 2022
0
0
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किस्मत का लिखा, मैं मिटा न सका । लाख कोशिशें करके, खुद को शहंशाह बना न सका ।लड़ रहा हूं, फिर भी मुकद्दर से । किसे कम लगता हूं , मैं सिकन्दर से ।हार

16

"खूबसूरत-मसीहा"

24 फरवरी 2022
0
0
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खूबसूरत वो नहीं,जो चर्म- देह से खूबसूरत जताता है। खूबसूरत वो नहीं, जो बात को तोड़-मरोड़कर ,खूबसूरत बनाता है । खूबसूरत वो नहीं ,जो अपनी वाह-वाही कर शोहरत क

17

"मुस्कुराने की वजह"

24 फरवरी 2022
0
0
0

"मुस्कुराने की वजह नहीं , फिर भी मुस्कुरा देता हूं ।वो नाराज़ न हो जायें,हर अदा फरमा देता हूं ।" निर्मल कुमार गुप्ता , सीतापुर।

18

"शब्द- श्रृंखला"

25 फरवरी 2022
1
0
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लिखने को बहुत कुछ, लिख सकता हूं । पर शब्द श्रृंखला, नहीं मिलती ।शब्द श्रृंखला जब मिलती है,तो हंसी कविता नहीं बनती । दिल के दर्द जब , कविता बन जाते हैं ।मधुर स्वरो

19

" प्रियेश "

25 फरवरी 2022
0
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दिल अनजान हैं उनसे, फिर भी न जाने क्यों, मिलने को दिल करता है । कुछ खास तो है, जो उनसे मिलने को दिल, हरपल मचलता है ।यूं तो जीवन की डगर में, मिलते अनेक है । &nbsp

20

"फलक ज़मीं पर"

25 फरवरी 2022
1
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तूने जो नजरें घुमायी,फलक ज़मीं पर आ गयी । तू जो मुस्कुरायी, बहारें भी शरमा गयी ।रात आयी,पर नींद आती नहीं ।ख्वाब टूटे,पर याद तेरी जाती नहीं । नजरें जो मिल

21

"समय की धड़कन "

25 फरवरी 2022
2
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0

समय की धड़कनों में, सब कुछ बदल गया ।जो कुछ अजीज था, सब कुछ गुजर गया ।सूने वीरान मन को समझाऊं

22

"नारी ममता की डोर"

25 फरवरी 2022
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नारी जगत जननी, नारी प्यार की डोर है ।बिन नारी के, सब जग सूना ।ऐसा विदित , &nbs

23

"प्यार का इज़हार "

25 फरवरी 2022
1
0
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मौसम की तरह, क्यों लोग बदल जाते हैं । सपनों की तरह क्यों, ख्वाब टूट जाते हैं ।बच्चों की तरह क्यों, अरमान मचल जाते हैं । &nbsp

24

"दिल का दर्द लेखनी में "

25 फरवरी 2022
1
0
0

दिल के दर्द को लेखनी में, पिरोने चला हूं । नौसिखिया हूं, फिर भी हौसले बटोरने चला हूं।मासूम हूं, फिर भी जिद्दोजहद करने चला हूं । &nbsp

25

"प्यार का नकार"

26 फरवरी 2022
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इन्तजार की घड़ियां, खत्म न हुई । उनसे मिलने की, हसरतें कम न हुई ।फिर भी वो, अनजान से मिलते हैं । शायद उनसे, मेरी कोई पहचान न हुई ।पहच

26

"जिन्दगी की हसरत"

26 फरवरी 2022
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टिमटिमाते तारों को तोड़ने की, हसरत जवां हो गयी । आज उनसे मिलने की चाहत,रवां हो गयी ।उनके कदमों में खुशियां बिछा दूं अगर,तो मेरी जिंदगी भी ,अनुपमा&n

27

"शब्द जीवन सार"

27 फरवरी 2022
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शब्द मंत्रमुग्ध है । शब्द जीवन का तत्त्व है ।शब्द ही, जीवन का सार है । शब्द बिन, सब निस्सार है ।शब्द का, जो महत्त्व समझ न सका । &nbsp

28

"दीवानगी का एहसास"

28 फरवरी 2022
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न जाने क्यों‌ मन‌ मचलता है, तुमसे दूर रहकर । न जाने क्यों परेशां हो जाता हूं, तुमसे दूर रहकर ।तन निर्जीव सा हो जाता है, होशो-हवास खो जाता है । &nbs

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"नयी राह पर"

28 फरवरी 2022
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गुनगुनाता चला हूं,नयी राह पर । मुस्कुराता चला हूं, नई राह पर ।यूं तो पैरों में छाले, पड़े हैं बहुत । खुशियां लुटाने चला हूं, नई राह पर ।नया

30

" दिल "

28 फरवरी 2022
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कितनी अजीब चीज है,ये दिल ? मांस का इक धड़कता , लोथड़ा ही सही । पर किसी को अपनाता,किसी को ठुकराता , इतनी अजीब बात, जो मुझे आज तक नहीं जंची । यूं

31

"नया-गीत"

1 मार्च 2022
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जिन्दगी आजमाती रही,पल- पल । दर्द को छिपाकर ,जीता रहा पल दो पल ।वीरान बगिया में ,अब खुशियां आती नहीं । मेरे दर्दे-जिगर में समाती नहीं ।उनका मिलना- बिछुड़ना इक सपना लगा ।

32

"इश्क का सौदा"

1 मार्च 2022
1
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इश्क का सौदा कर ही डाला,इन मद भरी आंखों ने । मासूम दिल क्या करें,जिसे चुन दिया गया जुर्म की दीवारों में ।भरी बाजार में ,ये दिल बदनाम होता ही रहा । ये कातिल आंखें छुप गय

33

"मुहब्बत का आशियाना"

2 मार्च 2022
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दिल पर जोर अगर चलता,तो ये मुहब्बत न होती । ये मुहब्बत न होती,तो ये दुनिया खूबसूरत न होती ।मुहब्बत ने ही, वीरान आशियानों को बसाया है । सच में आशियानों को, अपनी खुशबू से

34

"कुदरत का अन्याय"

2 मार्च 2022
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क्रूर प्रारब्ध को, सभी कोसते हैं । जो एक ही समय में, किसी को हंसाता,और किसी को रूलाता है । पर दुनिया कुदरत के अन्याय को,नहीं पहचानती ।

35

"जीवन की हकीकत"

3 मार्च 2022
1
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आज हर शख्श खुद बैठा है, दौलत के तराजू में । भूल बैठा है हकीकत,वह भी है, मौत के बाजू में ।ये महल, ये शानो-शौकत ,सब यहीं रह जायेंगे । &nb

36

"यादों के झरोखे से "

4 मार्च 2022
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यादों के झरोखों में, अतीत नजर आता है ।अतीत इतना खूबसूरत था, कि वर्तमान शरमा जाता है ।वो शानदार भूतकाल था । जिसमें माता-पि

37

"कर्म- पूजा के फूल"

5 मार्च 2022
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हर रोज इक नयी, ज़िन्दगी जी लेता हूं । गमों का दौर भूलकर जरूर हंस लेता हूं ।अब ग़म मनाने की, फुरसत नहीं मिलती है । जिन्दगी, अब मेरे आगोश में आकर, खिलखिला कर हंसती

38

"निशां की छाप"

5 मार्च 2022
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जिन्दगी ऐसे जिओ, जिसमें कुछ खास हो । हर निराशा को छोड़कर,जिन्दगी जीने की आश हो ।यूं तो जिन्दगी ,हर इंसान जी लेता है । गमों के दौर में, गाफिल हो ,र

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"वह घर स्वर्ग"

5 मार्च 2022
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क्यों न वह घर स्वर्ग हो, जहां, बुजुर्गों का सम्मान हो ।ऐसे घरों पर हम सभी को, क्यों कर, न अभिमान हो ?जिस प्रभु को ,खोजते फिरते हैं,इस जहां में । &nb

40

"खूबसूरत- ज़िन्दगी"

5 मार्च 2022
1
1
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आज ज़िन्दगी बेहद, खूबसूरत नजर आने लगी है । चारों तरफ, मेरे खुशियां मंडराने लगी है ।शायद खुशी का कोई,मंजर आने वाला है ।

41

"कल्पना और वास्तविकता"

6 मार्च 2022
1
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1

कल्पना और वास्तविकता, दो सगी बहनों सी रही हैं । लेकिन इनकी आपस में, कभी, न‌हीं बन रही है ।मेरी जिन्दगी में तो ये,आपस में झगड़ती ही रहती हैं । &nbs

42

"बेवफाओं से प्यार"

6 मार्च 2022
1
1
1

आज दिल का दर्द, आंखों में उमड़ आया है। इसीलिए मेरी आंखों में,नीर का सैलाब सिमट आया है। दर्द जब बेहद उभर आया, जाम साकी का मुस्कुराया ।

43

"सच्चा-प्यार"

6 मार्च 2022
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सच्चा प्यार समय का, मोहताज नहीं । उसके लिए कयामत भी, कोई काल नहीं ।सच्चा प्यार नहीं डरता दूरियों से । वह तो सांसें ले लेता है,मजबूरियो

44

"मुहब्बत की सौगात"

6 मार्च 2022
2
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जिन्दगी वफ़ा के नाम पर, कुर्बान कर दी हमने । बेवफाओं के साथ भी, हमने, वफ़ा की हद कर दी ।मैं यूं ही वफ़ा, करता रहूंगा । वफ़ा के

45

"खूबसूरत बचपन के दिन "

6 मार्च 2022
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कितने खूबसूरत थे,वो बचपन के दिन । जब हाथ पकड़ कर ,पापा से जिद किया करते थे ।भाई- बहनों में अक्सर नोंक-झोंक किया करते थे ।कहां से लाऊं मैं, वो बचपन के दिन ? &nbs

46

"खुदा का इन्साफ"

6 मार्च 2022
2
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0

जो दिल का सच्चा है, वहीं दुख- दर्द का हिस्सा है ।यह बात मुझे, समझ में आती नहीं, यह मुझे कभी ,चैन से सुलाती नहीं ।क्यों

47

"हमदर्दी का चिराग"

6 मार्च 2022
1
0
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क्यों इतना द्रवित हो जाता हूं, दूसरों का दुख-दर्द देखकर ?क्यों आंखों में सैलाब उमड़ आता है, दूसरों की दर्द भरी कराह सुनकर ?क्यों खुद को रोक पाता नहीं हूं, &

48

"शराफत का मुखौटा"

6 मार्च 2022
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आईना सिर्फ खूबसूरती , सूरत की बताता है।दिल की खूबसूरती दिखाने वाला, आईना नजर आता नहीं सिर्फ सूरत की, खूबसूरती दिखाने वाला

49

"खूबसूरत- चेहरे"

7 मार्च 2022
0
0
0

जिन्दगी में अनगिनत, खूबसूरत चेहरे मिलते हैं । लेकिन जिन्दगी को खूबसूरत बनाने वाले, चेहरे नहीं मिलते ।जो भी मिलते हैं,अहं भाव में लिप्त मिलते हैं

50

"समय-चक्र"

7 मार्च 2022
0
0
0

हे ! मानव तू मत कर अभिमान । क्यों हो रहा तू,शिशु अबोध- नादान ।हर उपलब्धि के पीछे, तेरा भाग्य विधाता है । जिसने तुझको जन्म दिया, उस

51

"दिल के दर्द की लेखनी"

7 मार्च 2022
0
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लेखनी भी क्या चीज है ? जो कलम से, दिल के दर्द को, कागज पर उतार देती है । ये वो शक्शियत है, जो लोगों को बड़े-ब

52

"दिल इक अनबूझ पहेली "

7 मार्च 2022
0
0
0

दिल कब खुश होता है, और कब रोता है ।इक अनबूझ पहेली है । कोई इसे न समझ पाया,यह तो बचपन की, इक अ

53

"वो साथ होते "

8 मार्च 2022
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वो साथ होते,तो कितनी अजीज होती, जिन्दगी । वो पास होते,तो कितनी गुलजार होती, जिन्दगी ।समझ में आया ,कि हरपल क्यों धड़कता है, ये दिल । सचमुच तुम्हारी यादों‌

54

"मां शारदे ! "

8 मार्च 2022
1
1
0

मां शारदे ! तेरे चरणों में आकर । तेरे चरणो में,सिर अपना नवा के,मुझे इक नई , ज़िन्दगी मिल गयी है । मुझे ज्ञान की, रोशनी मिल गयी है ।तूने लेखनी की, मुझे शक्

55

"खाली-हाथ"

9 मार्च 2022
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क्या ज़िन्दगी में लेकर आये, क्या यहां से ,लेकर जाना है ?सच यही है,जीवन का, यह जग, तो बेगाना है ।मखमली गद्दे पर सोकर, अंत में धरत

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"प्यार का अंजाम"

10 मार्च 2022
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जिन्दगी बेवफाओं पर ,लुटाता रहा । दिल के दर्द को छुपाकर, उन्हें हंसाता रहा ।ख्वाहिशें पूरी होने पर,ठुकरा दिया हमें । हम रो न सके,इतना बेबस बना दिया

57

"वफ़ा पर लगी ठोकरें "

12 मार्च 2022
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कितनी तरकीब की जिंदगी बदलने की,पर‌ बदल न सका । वक्त ने ऐसी बदली जिंदगी,कि मैं कुछ कह न सका ।ज़िन्दगी के सारे हालात बदल गये, देखते-देखते सारे अरमान ब

58

"आज के इन्सान की फितरत"

13 मार्च 2022
0
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क्या जमाना था,क्या लोग थे ? जो अपनी बातों पर ,अमल करते थे ।आज के इन्सान की, फितरत ही बदल गयी । इसीलिए इन्सान की तकदीर भी,आज उससे भिनक गयी । सौ

59

"नसीब के रंग"

13 मार्च 2022
0
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ये ज़िन्दगी भी,कितनी अजीब है ? नसीब के अनगिनत, रंगों को दिखाती है ।किसी पर लाल,गुलाबी,हरे,पीले रंगों को उड़ाती है, तो किसी को काले रंग की कालिमा से रंग जाती है ।

60

"बुराइयों को मापने लगा इन्सान"

13 मार्च 2022
2
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क्यों केवल बुराइयों को, मापने लगा इन्सान ?कोई तो खूबी मिल जायेगी । तूझको ऐ! इन्सान ।बुरा इन्सान नहीं, उसकी फितरत, बुरी हो

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"कोरोना का कहर"

13 मार्च 2022
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किस तरह कहर ने, तांडव मचा दिया, इक छोटे से वायरस ने ,तबाही मचा दिया ।मानव करता रहा, खिड़वाड़ प्रकृति से, प्रकृति ने सचमुच,इक आईना दिखा दिया ।कितनों के लाल सो&nbs

62

"गुमशुम न हो जाये,मेरा ये दिल"

13 मार्च 2022
0
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आज गुनगुनाने को, मन करता है । जमाने में प्यार, लुटाने को मन करता है ।लेकिन जमाने की, बेवफाईयों से डर लगता है । इसीलिए अपने दिल को प्यार न करने की,नसीहत ही, देने

63

"इक हंसी सफर"

13 मार्च 2022
1
1
0

जिन्दगी खूबसूरत बनाने चला हूं । इक हंसी सफर को, आजमाने चला हूं ।यूं तो जमाने में, कंकड़ पड़े हैं बहुत । खुद को अब मैं,

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"खूबसूरत-शीरत"

13 मार्च 2022
1
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खूबसूरत चेहरे तो,हजार मिलते हैं । पर खूबसूरत शीरत नहीं मिलती ।खूबसूरत शीरत जब मिलती है, तो खूबसूरत सूरत नहीं मिलती ।इसी अन्तर्द्

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"निर्मल के काव्य में"

13 मार्च 2022
0
0
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"निर्मल" के काव्य में कुछ खास नहीं है । खास नहीं है, फिर भी इक आस नयी है ।दिल के दर्द को, इक नयी सौगात समझकर ।हर दर्द को

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"श्रद्धा- सुमन"

13 मार्च 2022
0
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जब श्रद्धा सुमन अर्पित है तुम्हें, तुम उनको‌ न अस्वीकार करो।जो कदम बढ़ाकर थामे तुम्हें, उसका आलिंगन स्वीकार करो ।इन चंद दिनों के जीवन में,&n

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"मेरा किरदार कितना सुन्दर है"

13 मार्च 2022
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ये बहार कितनी सुन्दर है ! मेरा किरदार कितना सुन्दर है !उनका नजरें फिराना ,कितना सुन्दर है ! मेरा शर्मा जाना, कितना सुन्दर है !किस सुन्दरता से ह्रदय सागर, हिलोरें

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"बेदर्द मुहब्बत"

13 मार्च 2022
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निशा आई,पर नींद न आयी । नींदों में,हर पल तेरी याद सतायी ।मुझे तब होश आया । जब हर चीज में ,तेरा अश्क लहराया ।झिड़क देता हूं,ख्यालों को । &nbs

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"प्रारब्ध इक अनबूझ पहेली"

14 मार्च 2022
1
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सड़कों पर भूख से ब्याकुल हो, मानव छटपटा रहे हैं ।कीमती कारों में,गोद में बैठे विलायती कुत्ते, काजू बादाम खा रहे हैं ।कितना निर्दयी हो गया, य

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"जिन्दगी किस मोड़ पर आकर रूक गयी"

14 मार्च 2022
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जिन्दगी किस मोड़ पर आकर रुक गयी, होना था गतिशील, मगर वह थक गयी ।ख्वाबों के बुने ताने -बाने,सब सो गये । हम भी कुदरत के, इंसाफ भरोसे हो गये ।मन मचलता

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"मां का अमिट वरदान"

14 मार्च 2022
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मां की मधुर स्मृतियों में खोकर, शुकून मिल गया । उनके आशीर्वाद की छाया से ,इक जुनून मिल गया ।सिर पर उनका हाथ जो,ख्वाबों में आ गया । कुछ भी मुश

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"ये रसिया जमाना"

14 मार्च 2022
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किस कदर, तुमसे प्यार करता हूं, मैं । सरे बाजार, इकरार करता हूं, मैं ।फूलों से, सज-धज कर तुम, इक परी लग रही हो।कैसे घूंघट उठाऊं, मैं ?

73

"ये निर्मल दिल, अब किसी से मिलता नहीं "

14 मार्च 2022
0
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आज इन्सान से, जानवर बेहतर हो गये है।वो वफ़ा में, सचमुच आगे निकल गये हैं ।इन्सान उसी से दगा करता है,

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"उम्मीदों के चमन में"

14 मार्च 2022
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उम्मीदों के चमन में,इक फूल खिल जाये । तो मेरी भी बगिया में ,बहार आ जाये ।इन्तजार की घड़ियां,क्यूं खत्म होती नहीं ? &nb

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"इक मधुर सरगम"

14 मार्च 2022
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इक मधुर सरगम , मेरे दिल में क्यूं ,समाने लगा है ? बिछुड़ी यादों को, फिर क्यूं दोहराने लगा है ?प्यार रग-रग में,क्यूं मुस्कुराने लगा है ? &nb

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"जिन्दगी का कोई भरोसा नहीं"

15 मार्च 2022
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जिन्दगी यूं ही महकती रहे, खुशियां यूं ही,मचलती रहे ।जिन्दगी का कोई भरोसा नहीं, आज खुशियों में ,क्यूं न बहकते रहे ।हर सुबह खूबसूरत है,लगने लगी । &nbs

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"शिव ही जीवन का आधार"

15 मार्च 2022
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शिव सत्य है,शिव सुन्दर है । शिव ही, जीवन का आधार ।शिव बिना इस जगत में, सब कुछ है,नि:सार ।शिव कृपा, जिस पर हो जाये । &nbs

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"हंसकर ही जीना है"

15 मार्च 2022
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संवरकर चलने का मतलब नहीं, कि मैं, बेहद खुशहाल हूं ।संवरकर चलने का मतलब है , कि मैं इन्सान हूं ।जिन्दगी जीने का म

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"इक दिन खाली हाथ ही, दुनिया से जाना होगा"

15 मार्च 2022
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दौलत की चादर बिछाकर, सोने वालों, इक दिन तुमको भी,इस ज़मीं पर सोना होगा ।न चादर होगी, न बिछौना होगा ।सिर्फ शरीर पर,

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""संयुक्त परिवारों की परिपाटी टूट गयी"

15 मार्च 2022
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संयुक्त परिवारों की, परिपाटी टूट गयी ।आज घरों की लाठी टूट गयी । अब बड़ों का, मान कहां होता है ?अब तो छोटों का, &n

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"दिल की धड़कन, गुपचुप कुछ कहती है"

15 मार्च 2022
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दिल की धड़कन, गुपचुप कुछ कहती हैं । ये सांसें किसी के लिए, ही चलती है ।वे भूल चुके, उन मधुर पलों को, जिसमें था, संगीत बसा ।उन संगीत

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"मैं वो गुलशन हूं"

15 मार्च 2022
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मैं वो कमजोर फूल नहीं, जो हवा के झोंके से, टूट जाऊं ।मैं वो नन्हीं बूंद नहीं, जो हवा के झोंके में, उड़ जाऊं ।मैं

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"मैं वो गुलशन हूं"

15 मार्च 2022
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मैं वो कमजोर फूल नहीं, जो हवा के झोंके से, टूट जाऊं ।मैं वो नन्हीं बूंद नहीं, जो हवा के झोंके में, उड़ जाऊं ।मैं

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"कुछ तुम कहो,कुछ हम कहें"

15 मार्च 2022
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कुछ तुम कहो, कुछ हम कहें ।चलो मिलकर , इक नया किस्सा लिखें ।नया किस्सा ही नहीं, नया रिश्ता ही नहीं,इ

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"ये हमदर्दी की प्यास बुझती नहीं है"

15 मार्च 2022
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आज ज़िन्दगी मुझे क्यूं, आजमाने लगी है ? अपनों से दामन क्यूं, छुड़ाने लगी है ?इम्तहानों की मंजिल, गुजरती नहीं है । ये हमदर्दी

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"होलिका को वरदान प्राप्त था"

15 मार्च 2022
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होलिका को वरदान प्राप्त था, किसी को भी, अग्नि से जलाने का ।भक्त प्रहलाद को, विश्वास अटल था, प्रभु द्वारा, लाज बचाने को ।हिरण्यकश्यप, अभिमानी

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"इक नग्मा मुहब्बत का गाने चला हूं"

16 मार्च 2022
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वफ़ा का चिराग, दिल में जलाकर, बेवफाई का अंधेरा, मिटाने चला हूं ।जमाने की धरती पर,राहें कठिन है, फिर भी खुद को, आजमाने च

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"क्या हो गयी, आंख मिचौली है ?"

16 मार्च 2022
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बदलते हुए मौसम की तरह, इंसान बदल रहा है ।सचमुच हर इक का, ईमान बदल रहा है ।ईष्र्या-द्वेष का देवता देखो, &n

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"क्या हो गयी, आंख मिचौली है ?"

16 मार्च 2022
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बदलते हुए मौसम की तरह, इंसान बदल रहा है ।सचमुच हर इक का, ईमान बदल रहा है ।ईष्र्या-द्वेष का देवता देखो, &n

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"क्या करें, ये मोम सा दिल समझता नहीं है ?"

16 मार्च 2022
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आज अपनी वफ़ा पर ,हमको ही, खुद हंसना आ गया ।जिन्हें सीने से लगाया था, उनके हाथ में खं

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"संघर्ष में हार जाओगे,तो हंस लेगा जमाना"

16 मार्च 2022
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हिम्मत हार जाओगे, तो कहकहे, लगा देगा जमाना ।संघर्ष में हार जाओगे, तो हंस लेगा जमाना ।

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"कल मिले न मिले,आज हंस-बोलकर रह लो"

16 मार्च 2022
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क्यूं , मुस्कुराने की वजह ढूंढते हो ? बेवजह, मुस्कुराने में, हर्ज ही क्या है ?वैसे तो इस जमाने में,कोई इंसा नहीं है ।

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"दिल की कलियां,कुम्हलाने लगी"

16 मार्च 2022
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दिल की कलियां, कुम्हलाने लगी । आंखों में नीर,समाने लगी ।वादे की घड़ियां,मिटने लगी । दिल में भी हलचल ,मचने लगी ।इन्तजार की घड़ियां, शरमाने लगी ।&nbs

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"उनको सच्चा प्यार नसीब कब होता है?"

16 मार्च 2022
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प्यार में बलिदान ,जो करने को तैयार हो गया । वो प्यार का इज़हार, करने को मनुहार हो गया ।यूं तो प्यार का दावा, हजार करते हैं ।

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"जरा सा उरुज पाकर, इतराया न करो"

16 मार्च 2022
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जरा सा उरुज पाकर, इतराया न करो । जरा सा प्यार पाकर,छलकाया न करो ।किसी की अपनी दौलत, उरूज़ नहीं है । ‌ फिर गुरूर अपना,दिखलाया न करो ।दस -शीश, रावण क

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"इतना कोमल मन मेरा"

16 मार्च 2022
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इतना कोमल मन मेरा, फिर भी सौ-सौ वार सहे ।मुरझाए,अकुलाये मन से, फिर भी विमल -विचार बुने ।ह्रदय दृवित हो, नीर बहाता, मैं असहायों को, देख न पाता ।इतना सह्रदय

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"दुनिया की रीति बहुत अनोखी है"

16 मार्च 2022
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दुनिया की रीति, बहुत अनोखी है । किसी का मूल्यांकन, गुणों से नहीं ,दोषों से किया जाता है । अंत समय में उसे,कंठ से लगाया जाता है

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"जिसे समझते थे,अपने दिल का टुकड़ा"

16 मार्च 2022
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जिन्दगी की राहों में, रंजो-गम के मेले हैं ।इस भरी दुनिया में, हम आज भी, अकेले हैं ।जिसे समझते थे, अपने दिल का टुकड़ा ।वो

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"कलयुग की महिमा अपार"

16 मार्च 2022
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कलयुग की महिमा अपार । फल -फूल रहे हैं, होशियार ।जो झूठ बोलने का, रुख करें अखित्यार । वो जग में समझा जाये, सच्चा यार ।पापी,अत्याचारी फलते-फूल

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"मैं राग नहीं, फिर भी संगीत सजाता हूं"

16 मार्च 2022
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मैं महापुरुष नहीं, फिर भी, पुरुष कहलाता हूं ।दुनिया में हूं, विख्यात नहीं , फिर भी, पहचाना जाता हूं ।मैं सच्चा नहीं, फिर भी सच को,अपनात

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"इतनी सुन्दर चितवन"

16 मार्च 2022
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इतनी सुन्दर चितवन, जो मेरे दिल में, उतर ही गयी ।प्यार करने का, कोई इरादा न था, फिर भी मेरी नजरें ,भटक ही गयी । इस सुंदर रचना के, रचयिता को,क

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"वास्तविक आस्था का समुद्र घट गया"

17 मार्च 2022
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वास्तविक आस्था का, समुद्र घट गया, अपनी लहरों से, धर्म व आडम्बर के कंकड़ फेंक गया ।लोग दान देकर, फोटो खिंचा रहे, मंदिरों के पंडित, देखो, माला

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"मैं शून्य हूं"

17 मार्च 2022
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मैं शून्य हूं, फिर भी है, अस्तित्व मेरा ।दुनिया की तो, सोच अलग है, उसने, मुझे नकार दिया ।मैं शून्य हूं, फिर भी है, अस्ति

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"क्यूं न ईर्ष्या-द्वेष को, होलिका की अग्नि में जला दें"

17 मार्च 2022
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क्यों न, ईर्ष्या-द्वेष को, होलिका की, अग्नि में जला दें ।क्यों न, नफ़रत को, अपने‌ दिलों से मिटा दें ।क्यूं,न आज , &

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"मैं सह्रदय हूं, कैसे निर्मम हो जाऊं ?"

17 मार्च 2022
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मैं सह्रदय हूं, कैसे, निर्मम हो जाऊं ?जब भी, देखूं दीन-दुखी को, नयनों में नीर मैं,भर लाऊं ।सोच नहीं पाऊं, कितना य

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"वो कितना सुन्दर संसार है ?"

17 मार्च 2022
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वो कितना सुन्दर संसार है ? जिनके घरों में,बरसता प्यार है ।जिन घरों में ,प्यार की धुन बजती है । वहां

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"मां शारदे! तेरी, यूं ही कृपा हो"

17 मार्च 2022
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सरस्वती मां के चरणों में, नमन कर, मैं लेख लिख रहा हूं ।नहीं है, मुझमें क्षमता कोई, मैं मां का, संदेश लिख रहा हूं ।आज मेरी लेखनी में, &

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"नफरतों के बीज बोकर, प्रेम कहां से पायेंगे ?"

17 मार्च 2022
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जो बो रहे हैं, आज हम, वहीं, तो काट पायेंगे ।नफरतों के बीज बोकर, प्रेम कहां से पायेंगे ?आज पैसों की कमाई करने में, इंसान जुटा है । पर वो

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"प्रेम-रंग छा जाये,इस निर्मल मन में"

18 मार्च 2022
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रंग-बिरंगे रंगों की तरह, खुशियां आ जाये जीवन में । प्रेम -रंग छा जाये,सबके जीवन में ।प्रेम-रंग ऐसा, खुशहाल कर दे । &nbsp

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"क्या यही मुहब्बत है ?"

20 मार्च 2022
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कितनी मुहब्बत है,तुमसे,मैं सोच न पाऊं । शब्दों में कैसे बयां करुं ?मैं बयां कर न पाऊ । दिल की धड़कनें,बढ़ जाती है ।होशो-हवास खो जाता है । कोई पूछता कुछ और

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"जरूरतें पूरी हुई, वस्तुओं की कद्र न रही"

18 मार्च 2022
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जिनके लिए हम हरदम, कांधा सजाये रखते थे आज वो हमें क्यूं,पहचानने से इन्कार करते हैं ।जरुरतें पूरी हुई, वस्तुओं की कद्र न रही ।

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"दिल की धड़कनों का साथ"

20 मार्च 2022
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किसी को किसी का इंतजार था, किसी दिल में, किसी के लिए प्यार था ।इन्तजार की घड़ियां, तब टूटी, जब आने वाले का इन्कार था ।कोई हकीकत हो, या बहाना हो,&nb

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"सत्यमेव-जयते" का कथन निस्सार हो गया "

19 मार्च 2022
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सत्य पर, झूठ भारी पड़ गया । सत्य लड़खड़ाता रहा ।झूठ सरपट दौड़ लगाता रहा । कलयुग में, झूठ जीत गया ।सत्य अपने आप में रुठ गया ।&nbs

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"मत सुलगाओ, प्रेम की चिंगारी"

20 मार्च 2022
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मत सुलगाओ, प्रेम की चिंगारी, वरना ये दिल, जल जायेगा ।यदि नहीं जला ये दिल, तेरे प्यार की गर्मी से,मोम बनकर पिघल जायेगा ।म

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