राष्ट्र विकाश ,, सब्सिडी और जनता ।.. प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी ने देश की जनता से अपील की है जिन लोगो को गैस सब्सिडी की जरुरत नहीं है वो स्वेच्छा से गैस सब्सिडी छोड़ दें । देश की जनता ही सब्सिडी क्यों छोड़े । यदि हिम्मत, होसला और वास्तव मैं राष्ट्र के विकाश की चिंता है है तो आप और आपके सांसदो को पार्लियामेंट कैंटीन मैं मिल रही सब्सिडी को छोड़ देना चाहिए ये देश के नेता देश की संपत्ति को अपने बाप का माल समझकर उड़ा रहे हैं और जनता पर ही पाबन्दी क्यों?? एक बार चुनाव जीता हुआ नेता बुढा हो जाए, चुनाव हार जाये, रिटायर हो जाये तब भी जबतक उसके प्राण हैं तब तक वो राष्ट्रिय दामाद की तरह जीता है, [ हमारी जानकारी के अनुसार शायद घरो मैं मुफ्त पानी , मुफ्त बिजली ,, मुफ्त फ़ोन,, मुफ्त रेल यात्राये जीवन भर पेंशन आदि ] उसका पूरा खर्च सरकारी तिजोरी से खर्च होता है, ये बंद क्यों नहीं होता?? देश की संपत्ति क्या उनके बाप की बपौती है ??सब्सिडी छोड़ने में भी घालमेल है, जब गैस बुकिंग के लिए आप फोन करो तो उसमें सब्सिडी छोड़ने के लिए कोई बटन दबाने को कहा जाता है, कई अनपढ़ लोग गलती से वो बटन दबा देते हैं और वो गलती से सब्सिडी मुक्त हो जाते हैं, ऐसे कई मामले रोज मिलते हैं, अगर सरकार इतनी ही अस्वस्थ है तो ये चीटिंग वाला ऑप्सन ही क्यों रखा है । जिसे छोड़ना है वो अपनी एजेंसी पर जाकर जानकारी देकर छोड़ेगा ऐसा प्रावधान क्यों नहीं रखा गया??जनता ही सब्सिडी क्यों छोड़े । ये देश के नेता देश की संपत्ति को अपने बाप का माल समझकर उड़ा रहे हैं और जनता पर ही पाबन्दी क्यों?? एक बार चुनाव जीता हुआ नेता बुढा हो जाए, चुनाव हार जाये, रिटायर हो जाये तब भी जबतक उसके प्राण हैं तब तक वो राष्ट्रिय दामाद की तरह जीता है, उसका पूरा खर्च सरकारी तिजोरी से खर्च होता है, ये बंद क्यों नहीं होता?? देश की संपत्ति क्या उनके बाप की बपौती है ??