बलूचिस्तान पर कुछ विचार >>>>
ये बहुत अच्छा है कि पकिस्तान के बलूच प्रांत में रहने वाले मुस्लिम / लोग पाकिस्तान से आजादी चाहते हैं !!
और भारत से इस कार्य में सहयोग चाहते हैं ,,
भारत को भी हर संभव ऐसा[ कूटनीतिक ] राजनैतिक प्रयास/ सहयोग करते रहना चाहिए जिससे बलूच वासियो को पाकिस्तान से आजादी मिल जाए और पाकिस्तान टुकड़ो में बंट जाए !! किन्तु ,,
[ ये हमारा व्यक्तिगत विचार है कि ] भारत को बलूचिस्तान की आजादी के संघर्ष में भारत की सेना को भेजने पर गंभीरता से विचार करना चाहिए !!
बलूच वासियो [ मुल्लो ] को पाकिस्तान से आजादी चाहिए तो अपने बलिदानो के बल पर आजादी प्राप्त करे !!
अंग्रेजी दासता से मुक्ति के लिए जब भारत के युवक संघर्ष करते हुए अपने प्राणों की आहुति दे रहे थे तब किस देश ने या किस देश की सेना ने भारतवासियों की सहायता की थी !!
अगर हम ये सोचते हैं की बलूच प्रान्त के आजाद होने पर वहां का हिन्दू सुरखित , संरक्षित , उन्नत , सुखी , शांत हो जाएगा तो शायद ये हमारी भूल ही होगी !!
जो ये सिद्ध करने के लिए पर्याप्त है की हमने बांग्ला देश के आजादी के आन्दोलन मैं भेजी गई भारतीय सेना की दुर्गति को भुला दिया और आज भी बांग्ला देशी हिन्दुओ को भूले हुए हैं ,,,
जबकि आज बलूचिस्तान के मुस्लिम जिन बातो और भावो को प्रकट करके भारत का सहयोग मांग रहे हैं ठीक वैसे ही बांग्लादेशी मुल्लो ने उस समय किया था ,,
तब हम सब को लगा था कि बांग्ला देश बन जाने पर वहां पर हिन्दूओ की स्थिति बहुत अच्छी हो जाएगी ,,
और ये सोच कर भारत की सेना को बांग्ला देश की आजादी के आंदोलन मैं भेज दिया गया ,,,
उसके बाद जो हुआ वो सबके सामने था और है कि भारत के सैनिकों के साथ पाकिस्तान की सेना ने कैसा क्रूर व्यवहार किया ,,
फिर भीर बांग्ला देश को आजाद होने से पाकिस्तान रोक नहीं पाया ,,
इसमेंभारतीय सेना और बांग्लादेशी हिन्दुओ ने तन मन धन से सहयोग दिया था ,,
लेकिन बांग्ला देश बन जाने के बाद से ही बांग्लादेशी मुल्ले हिन्दुओ क्र साथ कैसा व्यवहार कर रहे हैं ये किसी से छुपा नहीं है !!
इसलिए भारत सरकार को बलूच प्रकरण पर विशेष सावधान और ध्यान देने की आवश्यकता है !!