shabd-logo

रफ़्तार

10 अगस्त 2022

19 बार देखा गया 19

तेरे आने की खुशी मौजूद होनी चाहिए 

मुकम्मल रोशनी रूख़ पे बिखरनी चाहिए 


यूं हो गया मायूस तू किस बात पे भला 

मुमकिन नहीं हर बार तेरी जीत होनी चाहिए 


विश्वास कीजिए मगर आंखों को खोलकर 

अपने पराए में तो कुछ फ़र्क होना चाहिए 


जीवन की रफ़्तार बहुत तेज़ है जनाब

बढ़ते कदम में ज़रूर जज़्बाए हुनर चाहिए 


तय करते नहीं लिबास किसी शरमो हया को 

आंखों में हम सभी के बची शर्म होनी चाहिए ।

Mitthu Rani की अन्य किताबें

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए