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रफ़्तार

10 अगस्त 2022

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तेरे आने की खुशी मौजूद होनी चाहिए 

मुकम्मल रोशनी रूख़ पे बिखरनी चाहिए 


यूं हो गया मायूस तू किस बात पे भला 

मुमकिन नहीं हर बार तेरी जीत होनी चाहिए 


विश्वास कीजिए मगर आंखों को खोलकर 

अपने पराए में तो कुछ फ़र्क होना चाहिए 


जीवन की रफ़्तार बहुत तेज़ है जनाब

बढ़ते कदम में ज़रूर जज़्बाए हुनर चाहिए 


तय करते नहीं लिबास किसी शरमो हया को 

आंखों में हम सभी के बची शर्म होनी चाहिए ।

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