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1 किताब
तेरे आने की खुशी मौजूद होनी चाहिए मुकम्मल रोशनी रूख़ पे बिखरनी चाहिए यूं हो गया मायूस तू किस बात पे भला मुमकिन नहीं हर बार तेरी जीत होनी चाहिए विश्वास कीजिए मगर आंखों को खोलकर अपने पराए