shabd-logo

रहस्यमई सफर

29 अक्टूबर 2022

17 बार देखा गया 17
empty-viewयह लेख अभी आपके लिए उपलब्ध नहीं है कृपया इस पुस्तक को खरीदिये ताकि आप यह लेख को पढ़ सकें
30
रचनाएँ
शब्दों की डोर
5.0
इस किताब में जीवन के विभिन्न विषयों को बहुत खूबसूरती से शब्दों की डोर में पिरो कर खूबसूरत कविताओं का रूप दिया गया है।
1

मेरे अंदर का कलाकार

27 अक्टूबर 2022
24
2
2

मेरे अंदर का कलाकार,यदा-कदा ही उपस्थिति दर्शाता है,यूं तो वह शर्मीला है बेहद,तारीफों से घबराता है...कभी है रंग भरता जीवन में,कभी अंधकार में खो जाता है,कभी सुर पिरोता है रागिनी के,तो कभी संगीतकार बन जा

2

मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम

27 अक्टूबर 2022
1
2
0

जी कथा सुनो भगवान की…मर्यादा पुरुषोत्तम राम की,जी कथा सुनो भगवान की…जिनके पिता राजा दशरथ थे,माता थी कौशल्या नाम की,जी कथा सुनो भगवान की…राजपाट त्याग चले जो ,माता के कहने मात्र की ,जी कथा सुनो भगवान की

3

अलौकिक शक्तियां

27 अक्टूबर 2022
3
3
0

एक दिन अंतरिक्ष की खोज में,निकल पड़ा मन जोश में,जो भी देखा समझ ना पाई,कितनी अलौकिक शक्तियां अंतरिक्ष में समाई…थी अपने ही रोष में,आई जब मैं होश में,वह सब देख मैं चकराई,ईश्वर ने यह कैसी रचना बनाई…कैसे च

4

हाउसवाइफ

27 अक्टूबर 2022
2
3
0

रोज सुबह सुबह उठकर,जो आपके लिए चाय बनाती है,क्या सोचा है आपने कभी,आखिर वह क्या चाहती है?क्या उसकी खुशियों का कोई महत्व नहीं,क्यों वह मनोरंजन की वस्तु बन जाती है,सबको अपना मान कर भी ,क्यों वह पराई कहला

5

सफलता का स्वाद

27 अक्टूबर 2022
0
2
0

वही जानता है सफलता का स्वाद,जिसने किया हो कभी इसका एहसास,जो हर बार गिरकर खड़ा हो,जिसका पाला कभी विफलता से पड़ा हो,तभी तो होती है वह सफलता खास,जिसके लिए किया हो हमने अथक प्रयास।।स्वरचितलिपिका भट्टी

6

2070 का भारत

27 अक्टूबर 2022
4
2
0

2070 में दोस्तों ,ऐसा समय आएगा,पंख लगाकर सोन चिड़िया के भारत ,ऊंचे गश्त लगाएगा !बुलंदियां ऐसी छू लेगा, फिर ना, हाथ किसी के आएगा,हो जाएंगी बीमारियां छूमंतर ,हर कोई अमर हो पाएगा!ढूंढ लेगा परजीवियों

7

देवी का अवतार

28 अक्टूबर 2022
2
2
0

जब भी पाप बड़े भू-थल पर, माता करती है बेड़ा पार, भक्तों के कष्ट तारने को, देवी मां लेती अवतार.… पहली शैलपुत्री माता है, दूजा नाम ब्रह्मचारिणी आता है, तीजी माता चंद्रघंटा

8

पिता का दिल

28 अक्टूबर 2022
1
2
0

सब कहते हैं पापा सबके क्यों इतना कम हंसते हैं,क्यों कम बोलते हैं इतना , हरदम गुस्से में दिखते हैं,दौड़ते भागते से दिखते हैं सुबह, और शाम को थके से लगते हैं,टीवी का रिमोट हाथ में ले, हुकुम सब पर कसते ह

9

कठिन तपस्या

27 अक्टूबर 2022
3
2
1

आसान नहीं पाना कोई मुकाम,होता है सब कड़ी तपस्या का परिणाम,जितना पर्यतन करेगा इंसान,वैसा ही होगा अंजाम।उज्जवल भविष्य का सूर्य चमकेगा,होगा सफल तुम्हारा हर काम,प्रयास करो निरंतर तुम,हो सवेरा चाहे हो शाम।

10

भाई दूज

27 अक्टूबर 2022
0
2
0

भाई की कलाई पर बांधा कलावा,प्रेम है यह सच्चा नहीं कोई छलावा,मन्नतों के मोतियों से पिरोया यह धागा,बहन के प्यार में नहीं कोई दिखावा।जो कभी आएगा यम का बुलावा,यम को भी पड़ेगा बदलना चलावा,सच्चा यह बंधन है

11

क्रोध की ज्वाला

27 अक्टूबर 2022
0
2
0

क्रोध की ज्वाला ने बड़े-बड़े साम्राज्यों का विनाश कर डाला ,कौरवों ने पांडवों से जो था शत्रुता का बीज पाला,क्रोध की ज्वाला ने सारा स्नेह फूंक डाला,अपनों ने ही अपनों से जहां द्वेष हो मन में पाला,क्रोध क

12

विश्वास में शक्ति

27 अक्टूबर 2022
1
2
0

इस भवसागर में लगेगी उसकी ही किनारे कश्ती,जिसकी होगी विश्वास में इतनी शक्ति,दो समर्पण देगा अपना पूर्णता,करेगा उस परमात्मा की सच्चे मन से भक्ति ।।वह कृपालु, दयालु करो उस से विनती,वही है " नाम " वही आदिश

13

मन का अवसाद

27 अक्टूबर 2022
1
2
0

चाहे तू मेरी मान ना मान,अवसाद से ग्रसित है हर इंसान,चाहे युवा हो या हो वृद्ध,जीवन में सबके है दर्द ही दर्द!!!!किसी को पाने का ,किसी को खोने का ,किसी को शिकवा है ,अपनों से जुदा होने का!!!!जब कर लेता है

14

छल कपट

27 अक्टूबर 2022
2
2
2

कपट भरा है मन में सबके ,कपटी यह संसार है ,रिश्ते नाते बिकते हैं सारे ,होता यहां व्यापार है।दोस्त यार झूठे हैं सारे ,झूठा प्रेम संसार है ,जीवन का कोई मूल्य नहीं है,चलता देह व्यापार है।बिकाऊ है इंसान आज

15

राज़

27 अक्टूबर 2022
1
3
0

कुछ बातों को राज़ ही रहने दो,जो यह खुल जाएंगी….तो ,शायद नजरें सबकी ,शर्म से झुक जाएंगी…बेशर्मों के सर पर ,फरेबी का ताज ही रहने दो…एक बार टूटे ,तो दरार रहती है दरमियां,इसलिए कुछ बातों को नजरअंदाज ही रह

16

परिश्रम का फल

28 अक्टूबर 2022
2
2
0

चक्रव्यू है यह जिंदगी उलझ कर रह जाओगे,जैसा परिश्रम करोगे वैसा ही फल पाओगे,जो लेगा इम्तिहान यह जीवन, क्या सफल हो पाओगे?आलस अगर करोगे तो उम्र भर पछताओगे।जागो मंजिल दूर, बहुत है तुमसे अभी,परिश्रम करने से

17

प्रकृति का कोहराम

28 अक्टूबर 2022
1
2
0

ऐ मनुष्य.., तूने किया गलत हर काम,प्रकृति मचा रही कोहराम,अब तो तू ले प्रभु का नाम,प्रकृति मचा रही कोहराम…क्या होगा अब अंजाम,तू अपनी करनी से रहा अनजान,प्रकृति मचा रही कोहराम….भूल का अपनी ऐ मनुष्य,देख तु

18

एक नई शुरुआत

28 अक्टूबर 2022
1
2
0

जिंदगी कुछ यूं मुझसे,नाराज सी हो गई ,जिस रहगुज़र बड़े कदम,मैं हताश हो गई।साए से भी अपनी ही,मैं घबराने सी लगी,कोई हमनवा ना रहा,और मैं बेकरार हो गई।पर कहते हैं ना सब,हौसले बुलंद रखो,मंजिल मिल ही जाएगी ,

19

दोस्ती और दुश्मनी

28 अक्टूबर 2022
1
2
0

ऐ दोस्त मेरे ,है तुझसे मेरी यारी,तेरी दोस्ती में दिल हारी,है तेरी दुश्मनी भी मुझे प्यारी...!!!!नहीं मैं भूली कुछ भी,है मुझे बातें याद सारी,हर कदम साथ रहा तू,तेरी बेरुखी भी मुझे गवारी...!!!!चाहे सही थी

20

जीवन का संघर्ष

28 अक्टूबर 2022
1
2
0

वह जीवन ही क्या , जिसमें कोई गम ना हो , आसान हो मंजिल , आंखें नम ना हों। है कोई ऐसा दोस्तों , तो मुझे बता दो, कौन है वह खुशनसीब , किया जिसने ,कभी संघर्ष ना हो।

21

सत्यमेव जयते

28 अक्टूबर 2022
1
2
0

सत्य बोलने से ना हो विचलित, मां मेरी मुझे सिखाती थी, ऊंचे ,ज्ञानी , महान आदर्शों की,कहानियां मुझे सुनाती थी।सत्य की राह कठिन होती है , मैंने जल्द यह जान लिया, जब भी सत्य बोला मैंने

22

अधूरा इंसान

28 अक्टूबर 2022
1
2
0

समय के हाथों का प्यादा है इंसान ,क्यों हरदम मुश्किल क्षणों से,हारा है इंसान।सूझबूझ से क्यों नहीं यह लेता काम,आकांक्षाएं हैं असीमित ,किंतु करना चाहता है आराम।कुछ भी यूं ही ना बोलो ,दो अपनी जुबान को लगा

23

रब से मेरी फरियाद

28 अक्टूबर 2022
1
3
2

एक मुल्क चाहूँ ऐसा , जहां कोई नरसंहार ना हो , मौला के अस्तित्व पर कोई भी सवाल ना हो । कोई भी तकरार ना हो , धर्म पर भेदभाव ना हो , उसकी रहमतों पर कोई भी बवाल ना हो। अश्क त

24

सत्य का रास्ता

28 अक्टूबर 2022
1
2
0

आसान नहीं है सत्य का रास्ता,पड़ता है रोज मेरा झूठों से वास्ता,सत्य बोलने वाले हैं अक्सर मन दुखाते,झूठ बोलने वाले ही आज हैं सबके मन को भाते।नहीं रही है अब सत्य वक्ता की आवश्यकता,अब तो बुलंद है बस झूठों

25

यादों के पिटारे से

28 अक्टूबर 2022
1
2
0

अपनी यादों के पिटारे से, लाई हूं कुछ पल चुनके , कुछ खट्टे, कुछ मीठे ,कुछ हैं हल्के फुल्के..!जमती है महफिले लंबी जब मिल बैठते हैं , पुराने दोस्त दिल से, लगती हैं गप्पों की रैली ,&nb

26

मन की उड़ान

28 अक्टूबर 2022
1
2
0

आज जी करता है ऐसा,दूर गगन में उड़ जाऊं,पंख फैलाकर मैं अपने ,नए आयामों को पाऊं।ख्वाहिशें पूरी कर लूं सारी ,सपनों में रंग भर पाऊं,मन में चलती उधेड़बुन से ,आज मैं आजादी चाहूं!हृदय चंचल मेरा नहीं जानता,कै

27

मेरे भीतर का लेखक

28 अक्टूबर 2022
1
2
0

जन व्यथा देख जग उठता है, मेरे भीतर का लेखक, सब की कथा सुन जग उठता है , मेरे भीतर का लेखक…! करुणा अपनी कह दो मुझको , क्योंकि मैं हूं एक लेखक, कैसे रोकूं कलम को अपनी ,&nbsp

28

रहस्यमई सफर

29 अक्टूबर 2022
1
2
0

देह त्याग चल पड़ी आत्मा मेरी ,एक दिन बहुत ही जोश में,व्याकुल था मन, विचलित यह तन ,निकली सत्य की खोज में,था लंबा रास्ता, पड़ा सात सागरों से वास्ता,वह खो गई गहरी सोच में,देख नजारे मन उत्सुक था, नही

29

सीखो

31 अक्टूबर 2022
2
4
0

नदी से नित चलना सीखो,फूलों से मुस्काना सीखो,बारिश की निर्मल बूंदों से,मंद मंद तुम गाना सीखो।वृक्षों से फल देना सीखो,इंद्रधनुष के रंग देना सीखो,सीखो घनी रात से धीरज,धरती से बोझ उठाना सीखो।सूरज देखो क्य

30

मेरा लिबास

24 जनवरी 2023
3
1
0

क्यों बदल जाऊँ मैंइस दुनिया के हिसाब से,एक लिबास मुझे भी मिला हैअपने इस रुबाब से..!वे रास्ते बदल लेजो बदलना चाहते हैं मुझे,की लिखनी है किस्मत मुझे,अब आफताब से!साथ देते हैं उसका ही,जो कदम बढ़ाए, नबी,कि

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए