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रह गुजार ए दिल

लिपिका भट्टी


प्रेम पर आधारित। 

rah gujar e dil

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पुस्तक के भाग

1

हाल-ए-दिल

28 नवम्बर 2022
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अल्फाज आपके मन में उतर से जाते हैं,हर वक्त खयालों पर मेरे आप ही छाए जाते हैं,जब देखते है तो बस देखते ही रह जाते हैं हम आपको,आप कहां मुझे, मुझसे जुदा नजर आते हैं….ईद का चांद हो गए हैं अजी आप तो,दीदार क

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प्रेम के नियम

6 दिसम्बर 2022
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जो मैं रात कहूं दिन को ,तो हामी तुम भी भर देना,जो डूब जाऊं प्रेम में तुम्हारे ,तुम मुझे प्रेम से तर देना…जो कभी मैं डगमगाऊं,तो तुम मुझे हौसला देना,संग रहना हमसाया बन मेरी,कमियां अनदेखी रहने देना.….प्र

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दीवानगी

13 दिसम्बर 2022
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हर सूरत में मुझे तेरी सूरत नजर आने लगी,हर कही अनकही बात तेरी, मन मेरा लुभाने लगी,दीवानगी बढ़ गई अब तो मेरी इस कदर,तेरे इंकार में भी अब तो, मोहब्बत नजर आने लगी…कैसी यह दिलकशी मन पर मेरे छाने लगी,फिजाओं

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मोहब्बत का सुरूर

19 नवम्बर 2022
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सुरूर इस कदर है कि,,,, मुलाकात भी नहीं हुई उनसे , और वो दिल पर छाने लगे हैं वक्त बेवक्त जनाब , खयालों में मेरे आने लगे हैं… आप ही बताइए, कोई ऐसा करता है क्या, बिना दिए दिल अपना, मेरा चैन वो चु

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अनकही ख्वाहिशें

13 नवम्बर 2022
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कुछ तो कहीं हैं तुमसे ,कुछ अनकही सी भी हैं ,कुछ ख्वाहिशें हुई पूरी ,कुछ अभी रही सी भी हैं...यूं तो तुम चाहतों का मेरी,बहुत ख्याल रखते हो,इस मोहब्बत में तुम्हारी,अजीब दीवानगी सी है...अगर कहूं तुमसे कुछ

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मोहब्बत में

9 अप्रैल 2023
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मोहब्बत में सुनो जी हमारी कोई वादा ना होगा, यहां तौमतें लगाने का कोई इरादा ना होगा, प्यार तुमसे हमारा हमेशा पाकीज़ा ही रहेगा, इस रिश्ते में कोई किसी का पियादा ना होगा,,, चाहतें हमारी हमेशा बेदाग ही रह

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ऐ प्यार मेरे

10 फरवरी 2023
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ऐ प्यार मेरे, मुझे प्यार करना तो सिखा दो,भूल जाऊं गम सारे, आंसुओं से तरना तो सिखा दो,कि ना डरुं, आजमाईश से उस वक्त कि मैं कभी,तमस मैं तप कर, स्वर्ण बनना तो सिखा दो,ऐ प्यार मेरी तुझे प्यार करना तो सिखा

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तुम्हारी आदत

18 मार्च 2023
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आदत तुम्हारी लगी इस कदर अब छोड़ी जाती नहीं, बेकरार धड़कनें मेरी कहीं चैन पाती नहीं… खोई रहती हूं ख्यालों में मैं तुम्हारे इसकदर, दर्द में भी मुस्कुराहट अब लबों से जाती नहीं… तौमतें लगाई हैं लोगों ने म

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जो प्यार हुआ है तुमसे

25 फरवरी 2023
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जो प्यार हुआ है तुमसे, फिर भी ये दिल डरता है,कह नहीं पाती जाने क्यों, बस आहें ही भरता है,बस देखता है तुमको, छुपकर यह झरोखे से,आवाज सुनने को प्रियतम, तुम्हारी यह तरसता है!खोया-खोया सा है अब ये, गुमसुम

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सुनो जी

6 मार्च 2023
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सुनो जी, तुम खयालो में आया करो, ना मुझे यूं सताया करो, अगर रूठ जाऊं कभी मैं तुमसे , तो तुम मुझे मनाया करो…. देखो जी, अकड़ के नहीं की जाती मोहब्बत, कभी मैं झुकूंगी, तो कभी तुम झुक जाया करो, नहीं छोडूंग

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पाक् मोहब्बत

15 दिसम्बर 2022
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कोई माने या ना माने मैंने कोई गलत काम ना किया,मन ही मन चाहा उनको कभी भी बदनाम न किया,चाहत लिए दिल में उनकी हम यूं ही जिया करते थे,कभी मोहब्बत का किस्सा हमने सरेआम ना किया,वो देखकर भी हमें यूं अनदेखा क

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तुम बिन

6 नवम्बर 2022
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जो तुम संग हो तो रंगीन जीवन,जो तुम संग हो तो खिला खिला मेरा मन,जो मिल जाओ तुम तो और क्या चाहिए,तुम्हारे संग साथी है बंजर भी उपवन…जो तुम साथ दो तो ,जी लूं मैं हर एक क्षण,समक्ष तुम्हारे सुनो मेरे प्रियत

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जिंदगी तेरे नाम

18 नवम्बर 2022
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जिंदगी को मेरी ना जाने क्या मुकाम मिले ,तू मिले या ना मिले , तेरे संग यादों की एक शाम मिले… सब कहते हैं मुझसे, मोहब्बत में तुम्हारी, मैं खुद को भुला बैठी हूं , तौबा मेरी, तुमको ना मेरी दीवानगी का कभी

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काश,मुझे तू मिला ना होता...

25 नवम्बर 2022
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सोचती हूं कभी-कभी… काश मेरे साथी, तू मुझे मिला ना होता चाहतों का दरमियां हमारे , कोई सिलसिला ना होता… जी पाती काश ख्वाहिशें , अपनी में सारी, काश कभी हमारा यूं , दिल मिला ना होता… खो गए हो तुम कहीं , य

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अगर तुम ना होते

26 नवम्बर 2022
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अगर तुम ना होते….जिंदगी से मेरी कोई आरजू ही ना होती,अगर तुम ना होते….ख्वाबों में अपने मैं किसको संजोती,अगर तुम ना होते….तो बेरंग होते यह मौसम,अगर तुम ना होते…तो फूलों में कोई खुशबू भी ना होती….अगर तुम

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जीवन का सफर

3 दिसम्बर 2022
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वह जीवन भी क्या जीवन है , जो अकेले ही जिया हो…. वह शक्स भी क्या शख्स है , जिसने कभी इश्क ना किया हो…. यूं तो तन्हा भी कट जाता है सफर यह , पर सुकून खुशी का है उसे ही , जिस

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आखरी मोहब्बत

18 दिसम्बर 2022
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मोहब्बत करना जी आसान नहीं होता,किसी पर मरना सरेआम नहीं होता,कौन कहता है मोहब्बत बार-बार होती है,सच्ची मोहब्बत का यह अंजाम नहीं होता।जो मिल जाते यूं ही लैला मजनू,तू कत्लेआम का कोई काम नहीं होता,परवान च

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आखिर क्यों

18 दिसम्बर 2022
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आखिर क्यों ,अच्छा लगता है मुझे उनके होठों पर अपना नाम,आखिर क्यों, चेहरा दिखाई देता है उनका मुझे सुबह शाम,आखिर क्यों, उनकी महक ही घुली है इन हवाओं में,आखिर क्यों, वही हैं बसे इन फिजाओं में…आखिर क्यों,

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तुम सबसे खास हो

24 दिसम्बर 2022
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यूं तो जीने की वजह बहुत हैं, पर तुम सबसे खास हो,दोस्त तो बहुत से हैं मेरे, पर दिल के तुम सबसे पास हो…लबों पर आकर जो रुक जाते हैं, तुम वो अल्फाज हो,जानकर भी अनजान हो बनते,कितने तुम जालसा

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मेरा फैसला

6 जनवरी 2023
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तेरे संग जीने का, तेरे संग मरने का, जिंदगी की मुश्किल राहों पर, संग तेरे चलने का… ना कभी बिछड़ने का, बस तेरे प्यार में रंगने का, अनंत तक डूब जाने का, ना कभी उभरने का…. यादों से तेरी हमदम, ना खुद को जु

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वो खास लम्हें

5 फरवरी 2023
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वह पहला प्रेम पत्र, दिया था जो तुमने,खुशबू आज भी उसकी, बस्ती है मन में,वह कागज के गुलाब से, महकती फिजाएं,आज भी ताजी, यादें सजाएं….वह हाथ पर हाथ, रखा था जब तुमने,घबराकर तुमसे, कुछ कहा था तब हमने,लगती ह

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तेरी याद

8 फरवरी 2023
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यादों में तेरी ना जागा, ना सोया जाता है, हर तरफ, कायनात में तेरा चेहरा नजर आता है, प्यार में तेरे, कुछ मजबूर हुआ दिल मेरा इस कदर, तेरी एक झलक से ही, अब इसको करार आता है! चाहतों में तेरी, यह दिल मेरा ख

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दिल की ख्वाहिश

17 फरवरी 2023
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कितनी मुश्किलों से तू मेरी जिंदगी में आई है,खुदा की रहमत है तू, जो खुशबू बन मेरी जिंदगी में समाई है,भूल जाता हूं मैं कभी-कभी कि कितनी नायाब है तू,मिली बड़ी मुश्किल से है तू मुझे,किस्मत ने ली मेरी बड़ी

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उनका दीदार

20 फरवरी 2023
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ना इज़हार करा उसने,ना ही मैं कह सकी कभी, किस्सा हमारी मोहब्बतों का,बस यूं ही चलता रहा, कोई कुछ कह सके मुझे,यह उसे गवारा नहीं, वो दीवाना मेरा,मेरे लिए दुनिया से लड़ता रहा…. महफिलों में दीदार होता

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अगर वो होते

23 फरवरी 2023
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अगर वो शायर होते तो ,मैं बन जाती उनकी कलम,उनके ही हाथों से लिखती,मैं अपने मन की सरगम,अगर वह डोर होते तो ,मैं बन जाती उनकी पतंग,बेखौफ उड़ती तूफानों में,बसमें कर लेती उनका मन,अगर वो धूप होते तो,मैं बन ज

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हाथों की लकीरें

24 मार्च 2023
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वो दिन याद आते हैं,जब हाथों में रख हाथ तुम्हारा,लकीरें मिलाया करती थी,जीने मरने की कसमें,तुम्हारे संग मैं खाया करती थी….तुम्हारी यादों में रोती थी मैं,तो कभी हंस जाया करती थी,तुम्हारे लिए गैरों से क्य

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तू मुझ में है

12 मई 2023
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मैं था जिद्दी चट्टान सा ,तू मुझे सरकाती चली गई,अहं को त्यागा मैंने ,तू अपने प्रेम में मुझे बहाती चली गई…छोड़कर अस्तित्व अपना,बस मैं हो गया तेरा,खो गया मैं तुझमेंऔर तू मुझे अपना,बनाती चली गई…मगरूर था म

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