गम तो और भी दुनिया में हैं बाकी, लेकिन टूटे हुए दिल की आवाज दूर तलक जाती है।
दुआ ही निकलती है फिर भी टूटे हुए दिल से, जो हर हाल में अपने प्यार की सलामती चाहती है।
मैं लिपिका भट्टी, भारत की राजधानी दिल्ली की निवासी हूँ। पढ़ने और लिखने का शौक मुझे बचपन से ही रहा है। बाल अवस्था में मुंशी प्रेमचंद्र और रवींद्र नाथ टैगोर जी की कहानियों व हरिवंशराय बच्चन जी की कविताओं से मुझे शब्दों को भावों में पिरोने की प्रेरणा मि