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संतुष्टि

20 अक्टूबर 2023

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रिद्धिमा कमरे में बैठी टीवी देख रही थी , तभी उसे बालकनी में कुछ आवाज आयी । जाकर देखी तो एक कबूतर परेशान सा फड़फड़ा रहा था । दरअसल उसके दोनों पंजे और पँख पतंग के धागों से बुरी तरह उलझ गये थें । बेचारा काफी प्रयास कर रहा था इस बंधन से निकलने को , पर उसकी कोशिश बेकार जा रही थी । 

रिद्धिमा जल्दी से दौड़ कर कमरे से एक कैंची लेकर आयी , और बड़े ही प्यार और मनुहार से उस बेज़ुबान परिंदे को अपने दोनों हाथों से पकड़ कर , गोदी में लिया और धीरे धीरे बड़ी सतर्कता से उसने उलझे हुये सारे  धागों को काट दिया । 

अब कबूतर  को बड़ी राहत महसूस हुई , पर वो इस कदर डरा हुआ था कि रिद्धिमा के गोद में सहमा बैठा ही रहा ।

रिद्धिमा ने अपने छोटे भाई से एक कटोरे में पानी लाने को बोला , कबूतर ने पानी पिया , और कुछ पके हुए चावल खा कर , उसी बालकनी में चहलकदमी करता हुआ फिर फुर्र से आकाश की ओर उड़ गया । रिद्धिमा और उसके भाई मुस्कुराते हुए एकटक देखते रह गये और मन मे संतुष्टि की भाव लिए कमरे मे प्रवेश कर गयें।

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रचनाएँ
इंसानियत
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 घर की सारी खरीदारी कर  शिवानी ने जैसे ही सड़क पर आकर रिक्शा ढूढना शुरू किया , तो ये क्या कोई भी रिक्शा उसे खाली दिख ही नहीं रहा  । कड़ी धूप में शिवानी पसीने से भींगी जा रही थी , तभी उसे एक रिक्श

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