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शिक्षा

19 अक्टूबर 2023

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मेरे घर एक मालिश वाली दीदी आया करती है। बहुत अच्छी स्वभाव वाली और बहुत ही मेहनती ।

एक दिन बात करते करते उसने अपना हाथ अपने पेट पर रखा और सहलाने लगी , मैने पूछा क्या हुआ कमला , कोई परेशानी ?

उसने बोला हां दीदी पेट में ट्यूमर हो गया है , ऑपरेशन कराने को डॉक्टर ने बोला है , पर अभी बेटी को कॉलेज में एडमिशन कराने के लिए पैसा इक्ठा कर रही हूं वो ज्यादा जरूरी है । तभी दूसरे कमरे में पढ़ रही मेरी बेटी ने जब ये सुना तो अपने गुल्लक में जमा किए कुछ पांच हजार रुपए झट से लाकर दिए और बोली मम्मी ये  पैसे मैं आंटी को दे रही हूं उनकी बेटी के एडमिशन के लिए  , आप इनको इनकी इलाज के लिए कुछ पैसे दे दीजिए प्लीज ।

बेटी की इस दयालुता पर मेरी आंखे खुशी से नम हो गई और मैंने भी कमला के इलाज के लिए पैसे दिए और कहा किसी भी चीज की जरूरत हो तो बेझिझक कहना।इस तरह हम मां बेटी ने एक मां की जिंदगी और एक बच्ची के भविष्य दोनों  को बचा लिया।

सबकुछ सामान्य होने पर एक दिन कमला अपनी बेटी के साथ मेरे घर पर आई और बैठते ही अश्रुपूर्ण नेत्रों से मेरे पैरों पर गिर पड़ी ,बोलने लगी दीदी मैं ये एहसान आपका जिंदगी भर नहीं भूलूंगी । मैंने उसे उठाया और सोफे पर बैठाया , बोली देखो कमला मैंने कोई एहसान नहीं किया है । ये तो सब ऊपरवाले की कृपा है । देनेवाला तो वही है , हमसब तो बस एक माध्यम है।

                 

                

                 

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