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मैंने लिखा कि, अब तुम मेरे नहीं हो,, और ये लिखते हुए, मेरे हाथ थरथरा उठे। मानो ! मेरे पैरों तले ज़मी निकल गया हो , निकल गया हो जैसे, जिस्म से जान,, शरीर सुना पड़ा और मन व्याकुल था । जैसे प्यास से